लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार पर ‘विशेष जाति’ के आधार पर पुलिस अधिकारियों का तबादला किए जाने का आरोप लगाने वाले आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने डीजीपी जावीद अहमद समेत पुलिस विभाग के कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। मामले की जांच आईजी को सौंपी गई थी। आईजी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर हिमांशु को निलंबित किया गया है।
हिमांशु ने अप्रत्यक्ष तौर पर योगी सरकार पर आरोप लगाया था कि जबसे उत्तर प्रदेश में नई सरकार आई है तब से ‘विशेष जाति’ वाले पुलिस अधिकारियों का तबादला किए जा रहा है। सस्पेंड होने के बाद हिमांशु ने ट्वीट किया, “सत्य की ही जीत होती है।”
https://twitter.com/Himanshu_IPS/status/845524751586070528
22 मार्च को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों में उन सभी पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड एवं लाइन हाजिर करने की जल्दी है जिनके नाम में ‘यादव’ है।
इसके बाद हिमांशु ने अगले ट्वीट में पूछा था, ‘आईजी मेरठ ने उस केस को गाजियाबाद क्यों ट्रांसफर कर दिया? किसके दबाव में?’ हालांकि कुछ देर बाद आईपीएस ने ट्वीट कर कहा कि ‘कुछ लोगों ने मेरे ट्वीट का गलत मतलब निकाला। मैं सरकार के प्रयास का समर्थन करता हूं।’ हिमांशु ने अपना विवादित ट्वीट भी डिलीट कर दिया था।
2010 बैच के हिमांशु ने यह भी ट्वीट कर बताया था कि उन्हें पत्नी 10 करोड़ रुपए के लिए ब्लैकमेल कर रही है। मामला मीडिया में आने के बाद हिमांशु ने कुछ ट्वीट्स डिलीट कर दिए और सफाई भी दी थी कि कुछ लोगों ने मेरे पर्सनल लीगल केस को सोशल मीडिया में लाने की कोशिश की है। हिमांशु पर दहेज उत्पीड़न का मामला भी दर्ज है।
हिमांशु को अब तक छह जिलों महराजगंज, श्रावस्ती, हापुड़, कासगंज, मैनपुरी और फिरोजाबाद में एसपी बनाकर भेजा जा चुका है। उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले वह फिरोजाबाद के एसपी थे। इलेक्शन रिजल्ट के बाद उन्हें लखनऊ डीजीपी हेडक्वार्टर्स के साथ अटैच कर दिया गया।
