रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने आधा दर्जन ऐसे लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है जो पाकिस्तान से फोन करवा कर भारत में टेरर फंडिंग करते थे। इस गिरोह के सदस्य भारत के अलावा कुवैत और बांग्लादेश में रहते हैं। ये पाकिस्तानी सिम का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 30 हजार कैश, बैंक के 250 खाते और 129 ATM कार्ड जब्त किए हैं।
खबर के मुताबिक, पुलिस ने जिन छह आरोपियों को पकड़ा है, उन्होंने सभी बैंक खाते फर्जी आईडी के जरिए खोले हैं। दुर्ग रेंज के आईजी दीपांशु काबरा के मुताबिक, यह अंतर्राष्ट्रीय गैंग है, जो देश के कई भागों में लोगों को अपना निशाना बनाता है। बैंक में इस गिरोह के विभिन्न खातों से 20 करोड़ से ज्यादा मनी का ट्रांजैक्शन हुआ है। इसमें आधी रकम पाकिस्तानी बैंकों के खाता धारकों को भेजी गई है। गिरोह के सदस्य वसूली के लिए तरह-तरह के तौर-तरीके अपनाते थे।
गिरोह के लोग उद्योगपतियों, व्यापारियों और आर्थिक रूप से मजबूत लोगों को जान से मारने की धमकी और परिवार के सदस्यों को अगवा किए जाने का संदेशा देकर अपने खातों में रकम मंगवाते थे। राजनांदगांव की एक महिला को फोन पर इस गिरोह ने 10 लाख रुपये की मांग की थी। पीड़ित महिला को यह फोन पाकिस्तान से आया था।
आईजी दीपांशु काबरा के अनुसार, यह केस टेरर फंडिंग का प्रतीत हो रहा है। इसलिए इसकी सूचना एटीएस और इंटरपोल को भेजी गई है। कई आरोपी विदेशों में रहकर इस गिरोह से जुड़े हैं। इन लोगों के नाम इंटरपोल को साझा किया गया है। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि कहीं इस गिरोह का कनेक्शन आतंकवादियों से तो नहीं है।
