साहिबाबाद (गाजियाबाद): डोरिस फ्रांसिस की बेटी निक्की की मौत 2008 में एक सड़क हादसे में हो गई थी। बेटी की मौत के बाद से ही डोरिस उस जगह पर ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रही हैं, जहां उनकी बेटी की मौत हुई थी। निक्की की मौत नोएडा से सटे खोड़ा कट पर हुई थी और तभी से वह यहां पर ट्रैफिक कंट्रोल करती हैं। उनका कहना है कि सड़क हादसे में किसी और की मौत न हो इसलिए वह यहां ट्रैफिक संभालती हैं। वैसे यह काम तो पुलिस का है लेकिन लोगों की कीमती जान और समय बचाने के लिए वह पुलिस महकमे की भी मदद ही करती हैं।

छड़ी के सहारे ट्रैफिक संभालने पहुंचीं डोरिस
बीते नवंबर में उन्हें कैंसर होने की जानकारी हुई। एम्स में उनका ऑपरेशन हुआ है। कैंसर से जंग जीत चुकीं डोरिस फ्रांसिस ने एनएच नौ (एनएच 24) पर खोड़ा कट के पास दोबारा से ट्रैफिक व्यवस्था संभाल ली है। पूरी तरह से स्वस्थ न होने से वह छड़ी के सहारे खोड़ा कट पर पहुंचकर लोगों की राह आसान कर रही हैं। अभी हाल में ही वह स्वस्थ हुई हैं लेकिन शुक्रवार सुबह उन्होंने साढ़े तीन घंटे तक यातायात व्यवस्था संभाली, जिससे खोड़ा कट पर राहगीर फर्राटा भरते हुए निकले।
डोरिस के मुताबिक अब तक वह पूरी तरह ठीक नहीं हुई हैं। पेट व पैर में दर्द रहता है। चलने-फिरने में दिक्कत होती है। डाक्टरों ने स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए आराम करने की सलाह दी है। वह घर पर रहकर ही आराम करती हैं।
डोरिस ने बताया कि कैंसर के उपचार के दौरान लोगों से बहुत ज्यादा प्यार मिला है। महिला दिवस पर उन्हें सम्मानित किया गया, जिससे उनका उत्साह बढ़ा। शनिवार व रविवार को एनएच-24 पर वाहनों का दबाव कम होने से जाम की समस्या कम होती है, इसलिए अब वह सोमवार सुबह आठ से 11 बजे तक यहां की यातायात व्यवस्था संभालेंगी।
अपनी कमी खली डोरिस को
8 मार्च को महिला दिवस पर उन्हें नोएडा, दिल्ली व गाजियाबाद में सम्मान समारोह में जाना पड़ा, तब खोड़ा कट पर जाम की समस्या दिखी। जाम में फंसे राहगीरों को देखकर उन्हें अपनी कमी अखरी। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे वह खोड़ा कट पर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने पहुंच गईं।
रक्षक न्यूज डोरिस फ्रांसिस के इस जज्बे को सलाम करता है।
