श्रीनगर: डीजीपी ने कहा कि बंदूक से निकली गोली यह नहीं देखती कि वह किसे लगेगी। नौजवानों को घर पर रहना चाहिए और एनकाउंटर वाले इलाकों में नहीं आना चाहिए, यह मेरा निवेदन है। उन्होंने कहा कि जो नौजवान एनकाउंटर की जगह पर आ रहे हैं वे जानबूझ कर आत्महत्या करने जा रहे हैं।
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जम्मू व कश्मीर पुलिस के महानिदेशक एस.पी. वेद ने गुरुवार को कहा कि गोलियां यह नहीं देखती कि वे किसे लगेंगी, इसलिए कहा जा सकता है कि मुठभेड़स्थलों के पास आने वाले युवक एक तरह से आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि उनको घरों में रहना चाहिए और मुठभेड़स्थलों पर नहीं आना चाहिए।

सेना और पुलिस वालों पर पत्थर फेंकते कश्मीरी युवक (फाइल फोटो)
मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले के चडूरा क्षेत्र में मंगलवार को मुठभेड़स्थल पर सुरक्षाबलों की फायरिंग में तीन नागरिकों के मारे जाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस प्रमुख ने यह बात कही। डीजीपी ने कहा कि सुरक्षाबल मुठभेड़ के दौरान किसी वाहन या मकान की आड़ लेते हैं। मुठभेड स्थल की ओर आने वाले युवक वास्तव में आत्महत्या कर रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों के आका कश्मीर के युवाओं को मुठभेड़स्थलों पर बुलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए वे उनको मुठभेड़स्थल की सटीक जानकारी देकर आतंकवादियों को भागने में सहायता करने के लिए सुरक्षाबलों पर पथराव करने के लिए कहते हैं जिससे सुरक्षाबलों को दोहरे मोर्चे पर संघर्ष करना पड़ रहा है।स्थानीय लोगों के पथराव के चलते कई आतंकवादी फरार भी हो चुके हैं।
