मेरठ। लोगों को अक्सर लगता है कि पुलिस वाले क्रूर, मगरूर और पावर के नशे में चूर होते हैं लेकिन खाकी वर्दी के पीछे भी हमारी-आपकी तरह एक इंसान ही होता है। लोगों के बीच पुलिस की छवि रूखे व्यवहार वाली और जेब भरने वाले के तौर पर देखी जाती है। लेकिन इन्हीं पुलिस वालों के बीच कुछ ऐसे भी हैं जो हमारी सोच के बिल्कुल विपरीत होते हैं।
ऐसे ही एक पुलिस वाले की स्टोरी यूपी पुलिस की 1090 सेवा के आईजी नवनीत सिकेरा ने शेयर की है। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है- ‘घटना 13 नवंबर की है। मेरठ के पल्लवपुरम के थाना प्रभारी दिलीप शर्मा खाने की थाली लेकर जैसे ही बैठे थे, उसी वक्त थाने के बाहर एक महिला रोते होए आई। दिलीप द्वारा पूछने पर उसने बताया कि पति और ससुरालवाले उसके साथ अक्सर मारपीट करते हैं।’
खाना खाया है तुमने , उत्तर न मिला तो समझ आ गया मेरठ में दिनांक 13 नवंबर 2017 को एक ऐसी घटना घटी जो सभी के दिल के भीतर…
Posted by Navniet Sekera on Wednesday, November 15, 2017
आईजी नवनीत सिकेरा ने आगे लिखा कि दिलीप ने पूरी बात सुनी और महिला से पूछा कि उसने खाना खाया है क्या ? जवाब न मिलने पर वह समझ गए और उसे अपनी खाने की थाली का खाना खिलाया। जितने देर में उस महिला ने खत्म किया, उन्होंने उसके पति और ससुरालवालों को थाने बुलाकर दोनों पक्षों को कभी गंभीरता के साथ तो कभी मजाकिया अंदाज के जरिए समझाया। उनके इस अंदाज का यह असर हुआ कि दोनों राजी-खुशी अपने घर चले गए।

आईजी नवनीत सिकेरा
आईजी ने लिखा, ‘हमें इस घटना से सीख लेनी चाहिए कि खाकी वर्दी पहनने वाला भी एक आम इंसान होता है। वह भी दूसरों की भावनाओं और सुख-दुख भली-भांति समझता है। साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों को भी इससे सीख लेनी चाहिए कि किस तरह सोसाइटी के बीच पुलिस की खराब छवि को बदला जा सकता है।’
