पीलीभीत। एक बार फिर भारत और नेपाल सीमा पर तनाव के हालात हैं। यह स्थिति तब पैदा हुई, जब नेपाली नागरिकों के एक समूह ने कथित तौर पर सशस्त्र सीमा बल के पेट्रोलिंग हट (झोपड़ी) में आग लगा दी। यह घटना सीमा से सटे कंबोजनगर इलाके में हुई। इस इलाके में रहने वाले भारतीय नागरिकों को अब इस बात की आशंका है कि हालात और बिगड़ सकते हैं और नेपाली भीड़ सीमा पर भारतीय किसानों के खेतों में तैयार फसल को निशाना बना सकते हैं।
सशस्त्र सीमा बल के ठिकाने में आग लगाने की घटना मंगलवार रात पीलीभीत जिले के हजारा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हुई। आरोप है कि नेपाली नागरिकों ने भारत और नेपाल सीमा पर पिलर नंबर 28 और 29 के करीब बांस और छप्पर से बनी झोपड़ी में आग लगा दी। घटना के बाद एसएसबी के DIG एके दास ने नेपाली अधिकारियों से बातचीत की और सीमा पर नेपाली पुलिस की चौकी बनाने को कहा ताकि शरारती तत्वों की हरकतों पर निगाह रखी जा सके।
दास ने आशंका जताई कि कुछ दिन पहले खीरी जिले में नेपाली नागरिकों और एसएसबी जवानों के बीच हुए संघर्ष के बदले के रूप में ताजा वारदात को अंजाम दिया गया है। बता दें कि पिछली बार नेपाली नागरिकों की भीड़ ने एसएसबी जवानों पर पथराव किया, जिसमें 7 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। भीड़ को काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। हालांकि, नेपाल का दावा था कि इस फायरिंग की वजह से उनके एक नागरिक की मौत हो गई।
घटना के बाद जिले के एसपी देव रंजन ने अपने नेपाली समकक्ष से बातचीत करके आगजनी वाली जगह पर संयुक्त पुलिस पिकेट बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी हालत में भारतीय किसानों के फसलों को नुकसान नहीं होने देगी। पुलिस की डायल-100 गाड़ियां अब प्रभावित गांवों से होकर गुजरेंगी।
वहीं, एके दास ने बताया कि जिस झोपड़ी को आग लगाई गई, वहां एसएसबी जवान गश्त के दौरान आराम करते थे। जब सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे तो उसमें आग लगाई है, जो एक गंभीर मुद्दा है। इस तरह की घटनाओं में इजाफे की वजह यह है कि सीमा से सटे इलाकों में नेपाली सुरक्षाकर्मियों के चेकपोस्ट नहीं हैं।’ एसपी रंजन ने बताया कि वह इस मामले में अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह सचिव को भेजेंगे ताकि दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच दि्वपक्षीय बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाया जा सके।
