नई दिल्ली। खबर दुखद भी है और चिंताजनक भी। पिछले तीन वर्षों में सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जितने जवानों ने मोर्चे पर जान गंवाई है उससे दस गुना ज्यादा जवानों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई है। सशस्त्र सीमा बल भूटान और नेपाल सीमा की चौकसी करता है। एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में SSB के 38 जवान सड़क हादसों में अपनी जान गंवा बैठे। दुखद यह कि सड़क हादसों में जान गंवाने वाले ये जवान 30-40 वर्ष के उम्र वर्ग के थे। इन तीन वर्षों में सीमा पर ड्यूटी करते जान गंवाने वाले कर्मियों की संख्या चार थी। देखा जाये तो पिछले तीन वर्षों में अमूमन हर महीने SSB ने सड़क दुर्घटना में अपना एक जवान गंवाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों में 28 जवानों की मौत उस वक्त हुई जब वे ड्यूटी पर नहीं थे। सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादार मौतें मोटरसाइकिल दुर्घटना की वजह से हुईं। दुर्घटनाओं में जवान गंवाने वालों में जवान और उप अधिकारी शामिल हैं। रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि ज्यादातर दुर्धटनाएं उस वक्त हुई जब जवान ड्यूटी पर नहीं थे। ऐसे में बल के कड़े अनुशासन से दूर होने की वजह से जवानों ने उन्मुक्त तरीके से बाइक चलाई और जो जानलेवा साबित हुई। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और अपने जवान न गंवाना पड़े इसके लिए SSB अब कड़े कदम उठा रहा है।
