नई दिल्ली। भारतीय कोस्ट गार्ड ने सागरीय खोज एवं राहत बोर्ड की 18 वीं राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक की। कोस्ट गार्ड के महानिदेशक के नटराजन की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विभन्न मंत्रालयों, एजेंसियों , तटीय राज्यों और केन्द्र शासित द्वीपीय प्रदेशों के 48 सदस्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस बैठक में राष्ट्रीय खोज व राहत योजना की सक्षमता पर चर्चा की गई। इस बैठक में जहाजरानी मंत्रालय के सचिव , मत्स्य पालन एवं नागरिक उड्डयन के सचिव भी मौजूद थे। अपने उद्घाटन सम्बोधन में महानिदेशक नटराजन ने 46 लाख किलोमीटर के विशाल इलाके में भारतीय कोस्ट गार्ड की खोज एवं राहत योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोस्ट गार्ड ने चेन्नै, मुम्बई औऱ अंडमान में समुद्री बचाव केन्द्रों की स्थापना की है । इसके अलावा स्वैच्छिक पोत रिपोर्ट प्रणाली (इंडसार) के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों की वजह से हाल में आए कई तूफानों की वजह से कोई भी हताहत नहीं हुआ। नटराजन ने राहत व बचाव के लिये खड़ी की गई ढांचागत व्यवस्थाओं और साझेदारों के बीच सहयोगी रवैया अपनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि मछलीमार नौकाओं की बीच समुद्र में जाने लायक क्षमता होनी चाहिये और इसकी जांच विभिन्न एजेंसियों द्द्वारा करवाई जानी चाहिये।
