नई दिल्ली। पहली बार केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग से आपूर्ति की शुरुआत हो गई है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के बीच बल को आपूर्ति किये जाने वाले उत्पादों के लिए समझौता हुआ है। इस समझौते से केंद्रीय सशस्त्र बलों को KVIC के माध्यम से भविष्य में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर अक्टूबर, 2019 में माननीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय में संपन्न हुई केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा खादी से बनी वस्तुओं और अन्य स्वदेशी ग्रामोद्योग उत्पादों की आवश्यकतानुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। आईटीबीपी मुख्यालय में पिछले साल दिसंबर में गृह मंत्री के दौरे के दौरान आईटीबीपी द्वारा इन उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
इसी क्रम में आज आईटीबीपी और KVIC के बीच नई दिल्ली में प्रथम उत्पाद के तौर पर सरसों के तेल की आपूर्ति के लिए अंतिम औपचारिकता पूरी की गई। गांधी स्मृति, राजघाट, नई दिल्ली में KVIC कार्यालय में KVIC के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना और ITBP मुख्यालय के प्रोविजनिंग ऑफिस से वरिष्ठ अधिकारियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किये।
समझौते के अनुसार आईटीबीपी जवानों के लिए कुल 1 करोड़, 72 लाख, 80 हज़ार रुपये की लागत से 12 सौ क्विंटल सरसों के तेल की खरीद हो रही है जो किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में सर्वप्रथम है।
भविष्य में KVIC के माध्यम से दरी, कम्बल और तौलिये आदि की खरीद की जाएगी जिसकी प्रक्रियाओं पर लगातार बातचीत जारी है। आईटीबीपी सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए कुल 2.5 लाख दरी की खरीददारी KVIC के माध्यम से करने जा रही है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 17 करोड़ रुपये होगी।
ऐसी संभावना है कि आने वाले कुछ समय में योगा किट और अचार के अलावा अन्य कई उत्पादों की खरीद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा KVIC से की जाएगी।
