नई दिल्ली। भारतीय जवान जीते जी तो देश की रक्षा करते ही हैं अब वे मरने के बाद भी देश के काम आना चाहते हैं। जी हां, हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान ‘वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे’ से पहले भारतीय अर्धसैनिक बल (बीएसएफ) के जवानों ने अंगदान के प्रति अपना जज्बा दिखाया है। भारतीय अर्धसैनिक बल बोर्डर सिक्युरिटी फोर्स के तकरीबन बीस हजार जवानों ने एक कार्यक्रम के दौरान जवानों ने अपने अंगदान का प्रण लिया।
अंगदान से बेहतर मानव सेवा का कोई और तरीका नहीं
बीएसएफ के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहते हैं और अब अंगदान के लिए आगे आना अर्द्सैनिक बल का एक सराहनीय कदम है। जवानों का मानना है कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है और इसके लिए अंगदान से बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता। सीमा सुरक्षा बल में तकरीबन दो लाख 65 हजार जवान तैनात हैं, जवानों द्वारा अंगदान की ये मुहीम पिछले माह शुरू की गई थी, जिसके लिए सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक सहित उच्च अधिकारियों ने भी सहमति जताई थी।
किरन रिजीजू ने बताया प्रेरणादायक कदम
आपको बता दें कि प्रतिवर्ष 13 अगस्त को अंगदान दिवस मनाया जाता है। इसके दो दिन पूर्व राष्ट्रीय ‘अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन’ (एनओटीटीओ) के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजीजू और बीएसएफ के कई आला अधिकारी उपस्थित रहे। रिजीजू ने जवानों को संबोधित करते हुए बीएसएफ प्रमुख केके शर्मा द्वारा उठाए गए इस कदम को प्रेरणादायक बताया और कहा कि अंगदान किसी को नया जीवन देने के समान है।
सूत्रों के मुताबिक जिन जवानों ने अंगदान के लिए सहमति जताई है उनके नाम व अन्य ब्यौरा राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण संस्थान को भेज दिया गया है वरिष्ठ अधिरियों का कहना है कि ये मुहिम अभी जारी है और हमारी कोशिश है कि हर जवान व उसके पारिवारिक सदस्य भी इसमें शामिल हों।
