नई दिल्ली। पुराने और प्रतिबंधित हो चुके पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट स्वीकार न करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह पुराने नोटों को स्वीकार करने के लिए काउंटर नहीं खोलेगी।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि पुराने पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट रखना गैरकानूनी करार दिया गया है। केंद्र ने कहा कि वह इस याचिका का विरोध करती है। मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।
याचिका में मांग की गई है कि पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोटों को 31 मार्च तक जमा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशा-निर्देश जारी करे। याचिका में कहा गया है कि रिजर्व बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बावजूद 31 मार्च तक पुराने नोटों को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है। पहले प्रधानमंत्री और रिजर्व बैंक ने आश्वासन दिया कि जो लोग 30 दिसंबर 2016 तक पुराने नोट जमा नहीं कर पाएंगे उन्हें 31 मार्च तक पुराने नोट रिजर्व बैंक में जमा करने का मौका दिया जाएगा। लेकिन अब रिजर्व बैंक ऐसा नहीं कर रहे हैं।
