नई दिल्ली: डीडीसीए प्रकरण में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। उनके खिलाफ अवमानना नोटिस तैयार किया है। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास ने ये नोटिस तैयार किया।
मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी जिस दिन से इस मामले पर अदालत केजरीवाल और बाकी आरोपियों के खिलाफ ट्रायल शुरू करेगी। कोर्ट ने मानहानि के इस मामले में पांच अन्य आप नेताओं के गुनाह नहीं कबूल करने पर उनके विरुद्ध भी आरोप तय किये हैं। इनके खिलाफ 1860 भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आरोप तय किया गया है। आरोप सिद्ध होने पर दोषियों को दो साल की सजा या अदालात द्वारा निर्धारित किया गया जुर्माना देना पड़ सकता है।
इससे पहले एक मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के बैंक खातों, टैक्स रिटर्न और अन्य वित्तीय रिकॉर्डों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जेटली के परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के लेन-देन और उनकी और परिजन की 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाली कंपनियों की जानकारी मांगने वाली केजरीवाल की याचिका ‘बेवजह की पूछताछ’ है और इसमें कोई दम नहीं है।
मामले पर एक नजर
- ‘आप’ नेताओं ने जेटली पर डीडीसीए में वित्तीय गड़बड़ियां करने का आरोप लगाया था। जेटली साल 2013 तक लगभग 13 साल डीडीसीए के अध्यक्ष रहे थे। हालांकि, जेटली शुरू से ही इन आरोपों का खंडन करते रहे हैं।
- जेटली का दावा था कि इन लोगों ने डीडीसीए से जुड़े मामले में उनके खिलाफ ‘झूठे और अपमानजनक’ बयान दिए हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है।
- अरुण जेटली ने वर्ष 2015 में मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए केजरीवाल, राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी से 10 करोड़ रूपए के मुआवजे की मांग की थी।
- आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में कथित अनियमितताओं और आर्थिक गड़बड़ियों को लेकर जेटली और उनके परिवार के सदस्यों पर सोशल मीडिया समेत कई मंचों से कथित तौर पर निशाना साधा था।
