नई दिल्ली। सबसे सुस्त और दुनिया की सारी साजिशों से परे, अपनी धुन में रहने वाले प्राणी गधे भी क्या कभी अपराधी हो सकते हैं? जी हां, हो सकते हैं और इसकी बानगी है यूपी की एक जेल से आठ गधों की रिहाई। इन गधों को दो दिन जेल में रखने के बाद बाकायदा जमानत पर रिहा किया गया। पूरा मामला क्या था ? आइये जानते हैं।
इस जुर्म में गधों को मिली सजा
यूपी पुलिस के क्षेत्र में जहां आए दिन जेल से इंसानों की रिहाई होती है। वहीं, इस बार एक अनोखा मामला देखने को मिला। यूपी के उरई जिला कारागार में सोमवार को आठ गधों को जमानत पर रिहा किया गया। जेल के एक कांस्टेबल आरके मिश्रा के अनुसार जेल सुपरिन्टेंडेंट सीताराम शर्मा ने कुछ ही दिन पहले तकरीबन 5 लाख रुपए के पेड़ मंगाए थे। जिन्हें जेल परिसर में लगाया जाना था, लेकिन बाहर घूम रहे इन गधों ने पेड़ पौधों को तहस-नहस कर दिया। इस पर सुपरिन्टेंडेंट ने गधों को जेल में बंद करने की सजा दी।
Jalaun(UP): Police release a herd of donkeys from Urai district jail. They had been detained for destroying plants outside jail and were released after four days pic.twitter.com/Wl5UJrU2tT
— ANI UP (@ANINewsUP) November 27, 2017
24 नवंबर को जेल में हुए थे बंद
जेल सुपरिन्टेंडेंट ने पेड़-पौधों का नुकसान पहुंचाने के मामले में 24 नवंबर को सभी गधों को जेल में बंद करा दिया था। आखिरकार, तीन दिन जेल की हवा खिलाने के बाद फिलहाल गधों की इस ‘आवारा’ मंडली को रिहा कर कैदखाने से आजाद कर दिया गया है।
