काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान और इस्लामिक स्टेट (IS) की गतिविधियां बढ़ने और काबुल सरकार के असहाय होने के मद्देनजर अमेरिकी प्रशासन अब नई रणनीति तैयार कर रहा है। अमेरिका ने पश्चिमी देशों की सरकारों और अफगानिस्तान सरकार से परामर्श के बाद अफगानिस्तान की वायुसेना को ताकतवर बनाने का फैसला किया है।
तैयार की जा रही है 7 अरब डॉलर की योजना
अफगानिस्तान में तालिबान विद्रोहियों का काफी बड़े इलाके पर कब्जा है। हाल में इस्लामिक स्टेट ने भी कुछ इलाकों में अपनी पैठ बना ली है। इनका सामना करने के लिए जिस स्तर की वायुसेना की अफगानिस्तान को जरूरत है, वह उसके पास नहीं है। हालांकि अभी वहां अमेरिकी वायुसेना की उपस्थिति बनाकर रखी गई है, पर वह भी पर्याप्त नहीं है। अफगानिस्तान की वायुसेना अभी निर्माण और विकास के दौर में ही है।
आतंकियों के खात्मे के लिए वायुसेना को मजबूत बनाने की जरूरत
वायुसेना को परामर्श देने वाले मिशन टैक-एयर के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल फिलिप स्टीवर्ट ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि जमीनी लड़ाई में चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए वायुसेना को मजबूत बनाने की जरूरत है। अफगान वायुसेना को पायलटों और रख-रखाव कर्मियों के प्रशिक्षण और नए विमानों की जरूरत होगी। इसके लिए 7 अरब डॉलर की विस्तार योजना को तैयार किया जा रहा है।
