नई दिल्ली। शांघाई सहयोग संगठन( SCO) की भारत की मेजबानी में सोमवार को आयोजित की गई राष्ट्रप्रमुखों की परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने संगठन के सदस्य देशों को आगाह किया है कि आर्थिक विकास और व्यापारिक सहयोग शांति व सुरक्षा के माहौल में ही सम्भव हो सकता है।
इस वर्चुअल शिखर बैठक में चीन के प्रधानमंत्री ली ख छयांग सहित 06 सदस्य देशों के प्रधानमंत्री भाग ले रहे हैं। इस शिखर बैठक के उद्घाटन के लिये भारत का प्रतिनिधित्व भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घरेलू व्यस्तताओं की वजह से वैंकैया नायडू ने यह दायित्व निभाया।
इस शिखर बैठक की मेजबानी करने के बाद भारत अगले साल के लिये शांघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता सम्भाल लेगा। अपने सम्बोधन में नायडू ने कहा कि कोविड महामारी की वजह से हम शारीरिक तौर पर इकट्टे नहीं हो सके लेकिन उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि जल्द ही हम एक दूसरे के आमने सामने हो कर शांघाई सहयोग संगठन की बैठकें करेंगे.
The most important challenge faced by us is terrorism, particularly cross-border terrorism…India condemns terrorism in all its manifestation. We are particularly concerned about states that leverage terrorism as an instrument of their state policy: Vice President Venkaiah Naidu https://t.co/L110CUusi2 pic.twitter.com/TsSIvkETGi
— ANI (@ANI) November 30, 2020
राष्ट्रप्रमुखों की शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि विकास के लिये शांति मौलिक जरूरत है। हमारे इलाके में जो सबसे बड़ी चुनौती है वह आतंकवाद खासकर सीमा पार आतंकवाद की है। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इस समस्या से हमें मिल कर निपटना होगा। नायडू ने कहा कि भारत हर स्वरूप और प्रकार में आतंकवाद की निंदा करता है। हम कुछ अशासित इलाकों से बढ रही प्रवृति को लेकर चिंतित हैं लेकिन खासकर कुछ सरकारों द्वारा आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल किये जाने को लेकर हम चिंतित हैं। इस समस्या के उन्मूलन से ही आर्थिक विकास की अपनी सम्भावनाओं को हासिल कर सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ती आर्थिक ताकत है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद पिछले साल 2.8 ट्रिलियन डालर का था जो साल 2025 तक पांच ट्रिलियन डालर होने की उम्मीद है। नायडू ने कहा कि कोविड की अनपेक्षित समस्या की वजह से भारत की विकास दर प्रभावित हुई है। कोविड से निपटने में भारत के सम्भावित योगदान के बारे में उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का आधा से अधिक टीका पैदा करता है इसलिये कोविड के टीके के उत्पादन की भारत में बड़ी क्षमता मौजूद है जिससे भारत दुनिया को लाभान्वित करा सकता है।
