नई दिल्ली। चीन और अमेरिका में बढ़ते व्यापार युद्ध के बीच चीन ने भारत से आग्रह किया है कि दोनों देश मिलकर व्यापार संरक्षणवाद का मुकाबला करें।
यहं चीनी दुतावास की प्रवक्ता ची रोंग ने एक बयान में भारत से सीधा आग्रह करते हुए कहा है कि अमेरिका के खिलाफ भारत औऱ चीन एकजुट हों। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका भारत औऱ चीन के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है जिसके खिलाफ भारत औऱ चीन साथ आएं।
प्रवकता ने कहा कि दो सबसे बड़े विकासशील और उभरते हुए बाजार के तौर पर दोनों देश अपने यहां सुधार को गहरा करने औऱ अर्थव्यवस्था को विस्तार देने में जुटे हैं। इसके लिये दोनों को एक अनुकूल बाहरी माहौल चाहिये ।
राष्ट्रीय सुरक्षा और निष्पक्ष व्यापार के नाम पर एकपक्षीय व्यापार संरक्षण करने से न केवल चीन का आर्थिक विकास बाधित होगा बल्कि इससे भारत का बाहरी माहौल भी प्रभावित होगा और इससे भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा। बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था और मुक्त व्यापार को संरक्षित करने में भारत और चीन के साझा हित हैं।
स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिन फिंग और प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्वर से बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था औऱ मुक्त व्यापार को बचाने की बात कही है। इस साल दोनों देशों ने जोहानीसबर्ग ब्रिक्स शिखर बैठक औऱ छिंगताओ घोषणापत्र में संरक्षणवाद के खिलाफ साझा बयान दिया है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका की एकतरफा औऱ धमकाने वाली कार्रवाई का सामना कर रहे भारत औऱ चीन को मिल कर एक जुट होना होगा। प्रवक्ता ने कहाकि न्यायोचित विश्व व्यवस्था के लिये मिलकर काम करने का अच्छा मौका है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन हमेशा से ही दूसरे देशों के ममलो में ह्सतक्षेप से बचता रहा है। अमेरिका को ही दूसरे देशों के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप के बारे में सोचना होगा। मानवाधिकारों और धार्मिक मामलों के बहाने चीन और भारत के अंदरुनी मामलों में अमेरिका दखल देता रहा है।
चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर के कथित सैन्यीकरण को सच्चाई को तोड़मरोड कर पेश करने वाला बताते हुए चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को तनाव पैदा करने और समस्या पैदा करने का काम बंद करना होगा। अमेरिका को सम्बद्ध पक्षों को अपने विवाद खुद बातचीत से सुलझाने के अधिकार का सम्मान करना होगा। चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव(बीआरआई) के संदर्भ में विकासशील देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाने का आरोप गलत बताते हुए चीनी प्रवक्ता ने कहा कि यह कुछ नहीं बल्कि देशों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि क्षेत्रीय विकास औऱ सहयोग के लिये चीन सभी प्रस्तावों में सहयोग को तैयार है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि हम जिस बात का विरोध कर रहे हैं वह चीन के खिलाफ कथित हिंद प्रशांत रणनीति का इस्तेमाल करने को लेकर है। हम चाहते हैं कि अमेरिका विकासशील देशों का एक भरोसेमंद साझेदार बन जाए।
