नई दिल्ली। रूस की अध्यक्षता में आयोजित हो रही पांच देशों के ब्रिक्स संगठन की शिखर बैठक में चीन ने कोविड महामारी से निपटने की चुनौती का मुकाबला करने के लिये भारत से सहयोग की पेशकश की है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख के सीमांत इलाकों में चल रही तनातनी के बीच चीन के राष्ट्रपति ने यह प्रस्ताव रखकर सब का ध्यान खींचा है। ब्रिक्स की शिखर बैठक में ब्रिक्स के सदस्य चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोविड-19 महामारी की चुनौती से निबटने के लिये चीन दक्षिण अफ्रीका और भारत केसाथ मिलकर सहयोग करने को तैयारहै।
इस शिखर बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार और विस्तार की मांग दुहराई तो ब्राजील के राष्टपति बोलसारो ने समर्थन प्रदान किया। लेकिन रूस और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के मसले को अपने सम्बोधन में नहीं छेडा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में अंतरराष्टीय आतंकवाद का मसला उठाया और कहा कि कुछ देश इसे समर्थन प्रदान कर रहे हैं जो एक गम्भीर चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह रूसी राष्टपति ब्लादीमीर पुतिन द्वारा आतंकवाद के खिलाफ रणनीति को अंतिम रुप देने वाले मसौदा का समर्थन प्रदान करते हैं औऱ कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ इस प्रस्ताव को लागू करने के लिये काम करेगा। गौरतलब है कि अगले साल भारत ब्रिक्स की शिखर बैठक की मेजबानी भारत करेगा। उम्मदी की जा रही है कि अगले साल के अंत तक कोविड- महामारी का प्रकोप समाप्त हो जाने के बाद सभी शिखर नैता शारीरिक तौर पर भारत की मेजबानी में शिखर बैठक में भाग लेंगे।
