प्योंगयांग। उत्तर कोरिया वैसे तो एक गरीब देश है लेकिन तानाशाह किम जोंग उन के हठ की वजह से हमेशा खबरों में बना रहता है। उत्तर कोरिया पिछले कुछ वर्षों में न जाने कितने मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है और हर परीक्षण के बाद अमेरिका के खिलाफ आग उगलता है।
बीबीसी के मुताबिक उत्तर कोरिया सिर्फ परमाणु हथियारों के सहारे ही अपनी ताकत नहीं दिखाता बल्कि उत्तर कोरिया की आर्मी दुनिया में सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है। गैर-परमाणु सामरिक हथियारों का जखीरा भी उत्तर कोरिया को बल प्रदान करता है। लेकिन इन सब के बाद भी अगर उत्तर कोरिया के तानाशाह को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना भारी पड़ सकता है क्योंकि परमाणु हमले के बाद होनी वाली जंग में उत्तर कोरिया का नामोनिशान मिट सकता है।
इतिहास में झांके तो प्योंगयांग अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकता। माना जाता है कि मार्च 2010 में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के छोटे लड़ाकू जहाज को डुबो दिया था और उसी साल उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के एक द्वीप पर बमबारी की थी।
चाहता क्या है उत्तर कोरिया ?
उत्तर कोरिया के हमला करने की आशंका को नकारा भी नहीं जा सकता है और इस हमले की सूरत में जिस देश को सबसे ज्यादा फिक्रमंद होना चाहिए वो है दक्षिण कोरिया।
दुनिया की बड़ी सेनाओं में एक है उत्तर कोरियाई सेना
इसमें 11 लाख कर्मचारी हैं जो उत्तर कोरिया की जनसंख्या का पांच फीसदी हिस्सा है। इसके अलावा माना जाता है कि 70 लाख अतिरिक्त कर्मी हैं, ये रेड वर्कर्स, पेजंट गार्ड्स, रेड यूथ गार्ड्स, मिलिट्री ट्रेनिंग रिजर्व यूनिट और अतिरिक्त दल भी मौजूद हैं।
एंथनी एच कोर्ड्समैन ने ‘द मिलिट्री बैलेंस इन कोरिया’ में लिखे एक लेख में कहा था कि अकसर सैनिकों की अधिक संख्याबल वाली सेनाएं हारने वाले पक्ष में होती हैं। एक्सपर्टों का कहना है कि उत्तर कोरिया के हथियार और तकनीक काफी पुराने हो चुके हैं। लंदन आधारित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के शोधकर्ता जोसेफ डेंपसे के अनुसार उत्तर कोरिया हथियारों के आधुनिकीकरण से ज्यादा उनकी संख्या पर निर्भर है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक उत्तर कोरिया अपने जीडीपी का 15 से 24 फीसदी हिस्सा रक्षा बजट पर खर्च करता है। उत्तर कोरिया अपनी सेना पर 3,700 और 8,100 अमेरिकी डॉलर के बीच खर्च करता है।
बीबीसी के मुताबिक उत्तर कोरिया की सेना के बारे में बहुत सटीक अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय की पत्रिका के अनुसार 2016 के आंकड़े बताते हैं कि उसके पास क्या क्या है।
टैंकों की संख्या- 4,300
बख्तरबंद गाड़ियों की संख्या- 2,300
बंदूकों की संख्या- 8,600
मल्टिपल रॉकेट लॉन्चरों की संख्या- 5,500
300 MM मल्टिपल रॉकेट लॉन्चरों की संख्या- 10
नौसेना और वायुसेना
दक्षिण कोरिया के श्वेत पत्र के मुताबिक उत्तर कोरिया के पास उसके दोनों तटों पर एक-एक फ्लीट कमांडर हैं, 13 नेवल स्क्वॉड्रन और दो मैरीटाइम स्नाइ ब्रिगेड हैं।
इसके अलावा दक्षिण कोरिया के अनुमान के मुताबिक उसके पास और ज्यादा हथियारों का जखीरा हैं-
430 सरफेस वेसल
250 जहाज
20 ड्रैगामाइन
40 सहायक नावें
70 सबमरीन्स
माना जाता है कि 1630 हवाई जहाज हैं जो उत्तर कोरिया ने चार अलग-अलग जगहों पर तैनात किए हैं। दक्षिण कोरिया का दावा है कि हाल ही में अतिरिक्त अड्डों पर जहाज तैनात करके उत्तर कोरिया ने न्यूनतम तैयारी में हमला बोलने की झमता हासिल कर ली है।
कोरियाई प्रायद्वीप की नज़र दौड़ाने के लिए रडार के साथ और भी वायु रक्षा यूनिट हैं।
810 लड़ाकू हवाई जहाज़
30 निगरानी और नियंत्रण करने वाले हवाई जहाज़
330 मालवाहक हवाई जहाज़
170 ट्रेनिंग हवाई जहाज़
290 हेलिकॉप्टर
माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया के ज्यादातर जहाज दो दशक से भी ज्यादा पुराने हैं। उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन की कोशिशें अब लंबी दूरी की भरोसेमंद मिसाइलों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें बनाने तक केंद्रित हैं।
साभार: बीबीसी
