प्योंगयोंग। उत्तर कोरिया ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिका के सामरिक सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले करने पर विचार कर रहा है। उत्तर कोरिया के इस बयान से साफ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ा है। डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि अगर वह अमेरिका को धमकी देना बंद नहीं करता है तो उसे ऐसी तबाही का सामना करना पड़ेगा जो इससे पहले दुनिया ने कभी देखी नहीं होगी।
पलटवार करते हुए उत्तर कोरिया ने कहा कि वह अपने बैलिस्टिक रॉकेट ह्वासोंग-12 से अमेरिका के गुआम इलाके पर हमला करने की योजना का अध्ययन कर रहा है। उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए (कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी) के मुताबिक अगर किम जोंग उन फैसला लेते हैं तो इस योजना पर अंतिम निर्माण लिया जायेगा। किम जोंग उन उत्तर कोरिया की परमाणु सेना के सुप्रीम कमांडर हैं।
अमेरिका की खुफिया सेवाओं द्वारा दी गई खबरों के मुताबिक किम जोंग उन की सरकार ने ऐसे परमाणु हथियार का निर्माण किया है जो काफी छोटा और आसानी से मिसाइलों में लगाया जा सकता है।
‘अमेरिका को धमकी देना बंद करे वरना…’
उत्तर कोरिया के पलटवार से पहले न्यूजर्सी में ट्रंप ने उत्तर कोरिया को सीधे-सीधे संदेश दिया था कि उत्तर कोरिया के लिए अच्छा तो यह रहेगा कि वह अमेरिका को धमकी देना बंद करे वरना उसे ऐसा तबाही का सामना करना पड़ेगा जो उसने इससे पहले कभी नहीं देखी होगी। पर उत्तर कोरिया पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं है। वह पहले की तरह ही आग उगल रहा है। पिछले ही सप्ताह संयुक्त राष्ट्र ने उस पर नए कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया था।
उत्तर कोरिया ने साफ-साफ कहा कि कोई भी प्रतिबंध उसे परमाणु शस्त्र बनाने से रोक नहीं पायेगा। प्रतिबंध लगने से पहले ही उत्तर कोरिया ने कहा था कि अगर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने की कोशिश की तो वह इसका माकूल जवाब देगा। पिछले माह के आखिर में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल के दूसरे परीक्षण के बाद किम जोंग उन ने कहा था कि अब उनका देश अमेरिका के मुख्य भूभागों तक हमला कर सकता है।
