नई दिल्ली। चीनी मीडिया में जारी भारत विरोधी प्रोपेगेंडा की कड़ी में वहां के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि सीमा पर तनाव तो बढ़ा तो भारत को दोनों के बीच समूची वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इसके लिए दुष्परिणाम के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत के साथ डोकलाम में जारी सीमा विवाद के बीच चीन को अपने इमेज की भी चिंता सता रही है। चीन सरकार द्वारा नियंत्रित ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा है कि अगर भारत एलएसी रपर कई जगहों पर तनाव बढ़ाएगा तो उसे इसके दुष्परिणाम के लिए तैयार रहना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ‘अगर भारत कई जगहों पर संघर्ष को बढ़ाएगा तो उसे समूची वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसे चीन से संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए।’
नया विवाद भूटान के इलाके में चीन द्वारा सड़क बनाने को लेकर शुरू हुआ है। भूटान के डोकलाम को चीन अपना डोंगलॉन्ग बताकर वहां भारी सैन्य वाहनों के आवागमन के मुताबिक सड़क निर्माण करना चाहता है। भूटान और भारत ने इसका कड़ा विरोध किया। भारतीय सैनिकों ने मानव-दीवार बनाकर चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया तो चीनी भड़क गए। चीन चाहता है कि भारत अपने सैनिक पीछे हटा ले लेकिन साथ ही उसे ये चिंता भी सता रही है कि उसकी इमेज एक छोटे देश की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करने वाले ड्रैगन की बन रही है। इसलिए चीनी मीडिया और चीन सरकार ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत जान-बूझकर उस इलाके में घुस गया है और पूरे विवाद के लिए जिम्मेदार है।
चीन ये दिखाना चाहता है कि डोकलाम का मामला उसके और भूटान के दरम्यान है। जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच 2012 में बनी सहमति के अनुरूप सिक्किम के त्रिमुहाने वाले इलाके में किसी भी विवाद पर भारत और चीन के बीच बातचीत संबंधित देश को शामिल करके ही हो सकती है। सिक्किम के इस इलाके के भारत की सीमाएं तिब्बत और भूटान से लगती हैं। भारत की सुरक्षा के लिहाज से ये इलाका बहुत ज्यादा संवेदनशील है। इस इलाके में चीन अगर मजबूत सामरिक स्थिति में आ गया तो वो पूर्वोत्तर भारत को शेष भारत से जोड़ने वाले मार्ग पर पूरी तरीके से हावी हो सकता है।
