पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और फौजी डिक्टेटर परवेज मुशर्रफ ने एक जापानी अख़बार को बताया है कि साल 2001 में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एटम बम के इस्तेमाल पर भी विचार किया था। पर इस डर से इस्तेमाल नहीं किया कि जवाबी एटम बम से भारी तबाही होगी।
भारतीय संसद पर हमले के बाद सीमा पर बढ़ गया था तनाव

संसद पर आतंकी हमला (फाइल फोटो)
जापानी अख़बार माइनिची शिम्बुन से दुबई में हुई एक मुलाकात में परवेज मुशर्रफ ने कहा कि दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया था और युद्ध के बादल मंडराने लगे थे। ऐसे में हमने नाभिकीय अस्त्रों के इस्तेमाल पर भी विचार किया था।
सीमा पर जमा थे करीब 10 लाख सैनिक

करगिल के समय सीमा पर करीब 10 लाख सैनिक जमा थे (फाइल फोटो)
उस वक्त दोनों देशों की ओर से सीमा पर करीब 10 लाख सैनिक जमा हो गए थे। वायुसेनाएं और नौसेनाएं भी युद्ध के लिए तैयार थीं। सेनाओं का यह जमावड़ा अक्तूबर 2002 तक चला था।
मुशर्रफ ने खुद से पूछा, एटम बम इस्तेमाल करें या नहीं

पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ एवं राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ
जापानी अख़बार को दिए इस खास इंटरव्यू में मुशर्रफ ने कहा कि उस मौके पर मैं कई रातों से सो नहीं पाया, क्योंकि मैं खुद से पूछता था कि एटम बम का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं। अलबत्ता सार्वजनिक रूप से मैं यही कहता था कि एटम बम के इस्तेमाल की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।
मिसाइल पर एटम बम तैनात करने में लगते एक-दो दिन

मुशर्रफ ने कहा- मिसाइलों पर इस वक्त एटम बम तैनात नहीं थे
मुशर्रफ ने इस इंटरव्यू में कहा कि उस वक्त तक भारत और पाकिस्तान दोनों में से किसी के पास मिसाइलों पर एटम बम तैनात नहीं थे, इसके लिए एक या दो दिन लगते। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने मिसाइलों पर एटम बम लगाने का आदेश दिया था, उन्होंने कहा, ‘अल्लाह का शुक्रिया कि हमने ऐसा नहीं किया और हमें लगता है कि भारत ने भी ऐसा नहीं किया होगा।’
भारत की रही है ‘नो फर्स्ट यूज नीति’

वर्ष 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण करने के बाद ‘नो फर्स्ट यूज नीति’ की घोषणा की थी (फाइल फोटो)
सन 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण करने के बाद ‘नो फर्स्ट यूज नीति’ की घोषणा की, जिसका मतलब था कि हम पहले इस बम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। पर पाकिस्तान ने पहले एटमी हमले की संभावना से इनकार नहीं किया है। पिछले साल नवंबर 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि जरूरी नहीं कि हम हमेशा ‘नो फर्स्ट यूज़’ नीति पर कायम रहें।
(Source: https://mainichi.jp/english/articles/20170726/p2a/00m/0na/018000c)
