वाशिंगटन। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उथल-पुथल मचाने के लिए चीन अपने पड़ोसी देशों को मजबूत कर रहा है। पेंटागन ने वित्तीय वर्ष 2019 के लिए अपने वार्षिक बजट प्रस्तावों में अमेरिकी संसद को यह बताया है। पेंटागन के मुताबिक चीनी सेना दीर्घकालिन नीतियों पर काम कर रहा है ताकि दुनिया से अमेरिकी असर को कम किया जा सके और उसका प्रभाव बढ़े। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी परिस्थितियों में अमेरीका को सुपर पावर बने रहने के लिए अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। साथ ही साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को नए तरीके से तैयार करना होगा।
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन और रूस मिलकर दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए दोनों ऐसे खास मॉडल पर कार्य कर रहे हैं जिससे दुनिया की आर्थिक नीति और सुरक्षा पर उनका प्रभाव नजर आए।
क्रिमिया, जॉर्जिया और पूर्वी यूक्रेन में जिस तरह से आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, उससे अमेरिका का चिंतित होना लाजमी है। इन क्षेत्रों में परमाणु हथियारों की होड़ लगातार बढ़ रही है, जिससे सुरक्षा के मद्देनजर खतरे का ग्राफ बढ़ गया है। पेंटागन के अनुसार उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों के पास भी परमाणु हथियार हैं और इन क्षेत्रों में आतंकवाद को भी प्रायोजित किया जा रहा है।
उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन सत्ता में बने रहने के लिए परमाणु, कैमिकल और पारंपरिक हथियारों का सहारा ले रहा है। उत्तर कोरिया बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक को भी बढ़ा दे रहा है। उसका असर दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका की सुरक्षा पर पड़ेगा।
