नई दिल्ली। भारतीय सेना ने प्रतिभाशाली युवाओं को बड़े पैमाने पर बहाल करने के लिए सुधार कार्यक्रमों को लागू करना आरंभ कर दिया है। मुश्किल भरे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए व्यापक स्तर पर टैलेंट पूल (प्रतिभाओं का चयन) किया जाएगा। भारतीय सेना का खास प्रयास है कि चीन और पाकिस्तान की सीमा कमांडिंग स्तर की तैनाती के लिए और कम उम्र के युवाओं को लाया जाए ताकि उनका कार्यकाल लंबा हो। साथ-साथ प्रमोशन के तरीकों में भी बदलाव किया जाएगा।
डिफेंस विभाग के सूत्रों के अनुसार सुधार की पहल का मकसद सभी स्तरों पर कमांडरों की न्यूनतम आयु को और नीचे लाना है। जिसके साथ यह सुनिश्चित करना है कि समयबद्ध तरीके से उपयुक्त व्यक्ति को कार्य मिले। एक आला अधिकारी ने कहा कि वह लंबे समय के लिए ब्रिगेड कमांडर, डिविजनल कमांडर और कोर कमांडरों की नियुक्ति चाहते हैं। उन्होंने इसके लिए एक नई प्रोन्नति नीति को लागू करना सुधारात्मक कदमों का एक हिस्सा बताया।
सेना अब इन सुधारों पर अमल करना शुरू कर रही है। जानकारों के मुताबिक नई प्रोन्नति नीति के अन्तर्गत कॉर्प कमांडर को सेना कमांडर के पोस्ट पर प्रमोशन किया जाएगा अगर उसके सेवानिवृत्ति होने में कम से कम 18 महीने का भी समय बचा हो। इससे पहले, उनके पास प्रोन्नति के लिए सेवाकाल में कम से कम 24 माह का समय होना चाहिए।
जानकारों का कहना है कि प्रमोशन नीति के तहत युवा अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रमुख कार्यों के ले उनका चयन किया जाएगा। ताकि कमांड तथा डायरेक्टर जनरल के स्तर पर लंबा कार्यकाल सुनिश्चित करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जा सके। पिछले साल इस मुद्दे पर सेना के वरिष्ठ कमांडरों की एक मीटिंग में चर्चा हुई थी। उसी वक्त यह भी फैसला लिया गया था कि सेना की मानव संसाधन विकास नीति में भी बदलाव किए जाएंगे। इसका मकसद सेना के सभी कामकाज में पूरी तरीके से सुधार लाना है।
वर्ल्ड की सेकंड सबसे बड़ी भारतीय थल सेना श्रृंखलाबद्ध तरीके से सुधार कार्यक्रम चला रही है। पाकिस्तान और चीन से लगी सीमा पर भारत के लिए बढ़ते खतरों के मद्देनजर विभिन्न प्रकार की शस्त्र प्रणालियों को हासिल किया जा रहा है। आर्मी के सर्वोच्च अफसर ने अनुशासनहीनता की घटनाओं पर भी सख्ती किए जाने का फैसला किया है। पिछले वर्ष अगस्त में सरकार ने भारतीय सेना में प्रमुख सुधारों की घोषणा करते हे कहा है कि 57 हजार अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति की जाएगी। अन्य रैंकों पर भी संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल को सुनिश्चित किया जाएगा।
