नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच लड़े गए 1962 युद्ध के बाद हजारों भारतीय सैनिक युद्धबंदियों के दशा पर आधारित उपन्यास ‘रेड टू ग्रीन’ का विमोचन यहां किया गया। इस उपन्यास के लेखक कर्नल के डी सेंगन (रिटायर्ड) हैं। वह 1962, 1965 और 1971 की युद्ध में आगे रहकर हिस्सा ले चुके हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में इस उपन्यास का विमोचन विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में सुप्रसिद्ध वन्य जीव फिल्म निर्माता माइक पांडे तथा दूरदर्शन के भूतपूर्व उप निदेशक शरद दत्त ने किया। इस अवसर पर उपन्यास और उपन्यासकार की प्रशंसा करते हुए माइक पांडे ने कहा कि यह किताब युद्ध उपन्यासों में से एक बेहतर किताब मानी जाएगी।
कर्नल के डी सेंगन (रिटायर्ड) ने अंग्रेजी में लिखी इस किताब में युद्धबंदियों द्वारा हिमालय की विषम परिस्थितियों में पलायन करने का रोचक वर्णन किया हैं। कथा में एक चीनी नायिका और भारतीय सेना के एक अधिकारी मेजर विक्रम को नायक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। खास बात यह है कि हाल के दिनों में पहली बार अपनी तरह के पहले उपन्यास में भारत-चीन युद्ध के कटु अनुभवों को एक सुखांत कहानी के तौर पर बड़े करीने से पेश किया गया है।
कर्नल सेंगन का यह दूसरा उपन्यास है। लेखक मानना है कि युद्ध इतिहासों तथा प्रेम व रोमांच की पुस्तकों के शौकीन पाठकों को यह उपन्यास पंसद आएगा। उपन्यास में इस बात का वर्णन है कि 1962 का यह युद्ध चीन द्वारा भारत के बड़े क्षेत्रफल पर कब्जा करने की नीयत से छेड़ा गय़ा था। साथ ही हजारों भारतीय सैनिकों को युद्धबंदी बनाकर तिब्बत में रखा गया था। जिस पर चीन का कब्जा पहले ही हो चुका था।
