नई दिल्ली। भारत और जापान के बीच सैन्य सहयोग और आदान प्रदान का दायरा अब काफी विस्तार लेने लगा है। दोनों देशों की नौसेना और कोस्ट गार्डों के बीच होने वाले नियमित साझा अभ्यासों के बाद दोनों देशों के थलसैनिकों के बीच भी पहली बार एक साझा सैन्य अभ्यास अगले महीने के शुरु में आयोजित होगा।
यह अभ्यास मिजोरम के वरांगटे स्थित काउंटर इंसर्जेन्सी स्कूल में एक से 14 नवम्बर तक चलेगा। भारतीय थलसेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच होने वाले इस अभ्यास का नाम धर्म गार्जियन -2018 रखा गया है। इस संयुक्त अभ्यास में भारतीय थलसेना की ओर से 6/1 गुरखा राइफल्स के जवान भाग लेंगे जब कि जापानी सेना की ओर से 32- इनफैन्ट्री रेजीमेंट के जवान भाग लेंगे।
14 दिनों तक चलने वाले इस साझा अभ्यास के दौरान दोनों थलसेनाएं एक दूसरे के साथ काम करने की प्रक्रिया समझेंगे। दोनों सेनाएं शहरी युद्ध माहौल में सम्भावित खतरों से निबटने के लिये एक सुनियोजित रणनीतिक अभ्यास की रुपरेखा तैयार करेंगे और इसे साझा तौर पर व्यवहार में लाएंगे। अपने अनुभवों के आधार पर दोनों सेनाओं के विशेषज्ञ अभ्यास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
इस बारे में यहा थलसेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि धर्म-गार्जियन अभ्यास दोनों देशों के बीच गहराते रक्षा और सामरिक साझेदारी की दिशा में एक और कदम है। इससे दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ बेहतर करने में मदद मिलेगी और दोनों देश आतंकवाद के खतरों का साझा तौर पर मुकाबला करने को तैयार होंगे।
