नई दिल्ली। एक तरफ कलाइकुंडा के वायुसैनिक अड्डे पर भारत और अमेरिका के बीच साझा वायुसैनिक अभ्यास ‘कोप इंडिया- 18’ चल रहा है तो दूसरी ओर गोवा के समुद्र तट पर भारत औऱ ब्रिटेन के बीच साझा नौसैनिक अभ्यास कोंकण का समुद्री चरण यानी सी- फेज 02 से 05 दिसम्बर तक चला।
कोंकण नौसैनिक अभ्यास के बारे में यहां नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने बताया कि दोनों नौसेनाओं के पोत दो दिसम्बर को ही बीच समुद्र की ओर निकल पड़े थे। दोनों ने ऐसे युद्धाभ्यास और ड्रिल किये जिसमें एलिम्मेट्रिक युद्द शामिल था। इसमें दुश्मन देश के युद्धपोतों पर हमला और उससे बचाव का अभ्यास शामिल था। इसके अलावा इस युद्धाभ्यास में साझा तौर पर पनडुब्बी नाशक युद्ध भी किया गया। तीन दिसम्बर को दोनों पक्षों ने रात के दौरान अपने पोतों को निकालाऔर इस दौरान हवाई सुरक्षा अभ्यास किये।
Photos just in from Exercise Konkan 2018 off the Goa coast featuring @IndianNavy P15A destroyer INS Kolkata & @RoyalNavy Type 45 destroyer HMS Dragon. pic.twitter.com/ysURa8CxQU
— Livefist (@livefist) December 6, 2018
चार दिसम्बर को दोनों देशों के नौसैनिकों ने फायरिंग अभ्यास के अलावा दुश्मन के पोत पर चढाईक का अभ्यास भी किया । यह कार्रवाई दुश्मन के पोत पर अपने सैनिकों को पहुंचाया गया। पांच दिसम्बर को सतही पोतों पर फायरिंग के अभ्यास किये गए।
भारत और ब्रिटेन के बीच साझा नौसैनिक अभ्यास कोंकण पिछले दशक से चल रहा है। दोनों देशों ने इस अभ्यास के बारे में कहा है कि इससे समुद्र में दोनों पोतों के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल बनाने का बेहतर मौका मिलेगा। पचास के दशक में ब्रिटेन की नौसेना ने भारतीय नौसेना को अपने पावों पर ख़ड़ा होने में मदद दी। भारत का पहला दूसरा विमानवाहक पोत विक्रांत और विराट की सप्लाई ब्रिटेन की नौसेनाओं ने ही की थी। ब्रिटेन के आला अधिकारियों के मुताबिक कोंकण अभ्यास के जरिये दोनों देश हिंद और प्रशांत महासागरों में शांति व स्थिरता का माहौल बनाए रखने में अपना योगदान करेंगे।
