चंडीगढ़। भारतीय सेना के जांबाज सेनानी और सियाचिन को कब्जाने वाले बहादुर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) प्रेम नाथ हूण का निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। कल सोमवार शाम मस्तिष्क की नस फटने से उनका निधन हुआ। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर बाद 3:30 बजे सेक्टर- 25 के श्मशान घाट में होगा।
चार दशक तक भारतीय सेना की सेवा करने वाले हूण वर्ष 1987 में सेना की पश्चिमी कमान के रूप में सेवा निवृत्त हुए थे। उनकी रणनीति वीरता का गवाह खुद सियाचिन है।
मीडिया खबरों के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हूण के नेतृत्व में चलाए गए सियाचिन ऑपरेशन की कहानी कुछ इस प्रकार है:-
पड़ोसी देश पाकिस्तान की नजर 33 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले सियाचिन पर थी। भारत सरकार तब हरकत में आई जब पाकिस्तान ने सियाचिन पर कब्जे की तैयारी शुरू की। उस समय पाक ने यूरोप में बर्फीले क्षेत्र में पहने जाने वाले खास तौर के कपड़े और हथियारों का बड़ा ऑर्डर दिया था।
Extremely saddened by the passing away of Lt Gen PN Hoon (retd). He served India with utmost dedication and contributed significantly towards making our nation stronger and more secure. My thoughts are with his family and friends in this sad hour. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2020
इस सूचना के बाद सेना चौकन्ना हो गई और उसने सियाचिन के तरफ कूच कर दिया। फिर शुरू हुआ दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र में ‘ऑपरेशन मेघदूत’। ऑपरेशन मेघदूत की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल हूण ने की थी। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने सियाचिन की हड्डियां गला देने वाली ठंड में पाक सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
हूण की सूझबूझ और दूरदर्शिता की वजह से समय रहते वहां पर कब्जा जमाकर भारतीय ध्वज फहरा दिया गया और माइनस -50 से -60 डिग्री तापमान में जांबाज सैनिक डटे रहे। यह विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक साहसी ऑपरेशन था। इस ऑपरेशन की खास बात यह थी कि भारतीय सैनिकों के पास समय बहुत कम था, ज्यादा सैनिक भी नहीं थे। उपकरणों की बेहद कमी थी लेकिन भारतीय सेना के शौर्य-पराक्रम और वीरता भरे मंसूबों से पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा। आज भी इस चोटी पर भारत का कब्जा है। पीएन हूण ने 40 वर्षों तक भारतीय सेना की सेवा की।
हूण का जन्म पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था लेकिन विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया था। हून की पहचान तेज तर्रार कमांडर के रूप में थी।
श्रद्धांजलि: कुछ समय पहले रक्षक न्यूज की टीम से उनकी मुलाकात चंडीगढ़ स्थित प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। जिसमें उन्होंने भारतीय सेना की वीरता की तमाम बातें साझा की थीं। आज पूरा देश इस वीर सेनानी को नमन कर रहा है। रक्षक न्यूज की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
