नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे को लेकर चल रहे भारी विवाद के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ने सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि वायुसेना के सामने इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं था।
यहां वायुसेना की स्थापना की 86वीं सालगिरह पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा कि इस सौदे में बढ़िया पैकेज मिला और यह हिंद महाद्वीप में खेल का पासा पलटने वाला साबित होगा। राफेल सौदे को लेकर सवालों की बौछार झेलते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि दासो एवियशन ने आफसेट पार्टनर का चुनाव किया और इसमें सरकार या भारतीय वायुसेना की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा कि राफेल एक बढ़िया विमान है और राफेल सौदे में कई लाभजनक बाते हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दल राफेल सौदे में घोटाले और पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं जबकि सरकार इसका जबर्दस्त बचाव कर रही है। राफेल सौदे के पक्ष में वायुसेना के आला अधिकारी भी कई बयान दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांदे ने एक पत्रकार से कहा था कि राफेल सौदे के लिये आफसेट पार्टनर रिला़यंस को बनाने की सिफारिश भारत सरकार ने की थी।
We had reached an impasse. We had 3 options, first was either to wait for something to happen, withdraw RFP or do an emergency purchase. We did an emergency purchase. Both Rafale and S-400 deal is a booster deal for air force: Air Chief Marshal BS Dhanoa on Rafale deal pic.twitter.com/fuOHvwOwVk
— ANI (@ANI) October 3, 2018
रूस से एस-400 एंटी मिसाइल सौदे के बारे में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा कि राफेल के साथ एस-400 का सौदा वायुसेना की ताकत में भारी इजाफा करेगा।
तिब्बत के इलाके में चीनी वायुसेना द्वारा लड़ाकू विमानों की तैनाती के लिये ढांचागत विकास के बारे में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हम चीन की इन गतिविधियों पर ध्यान दे रहे हैं। हम इन सबसे निबटने के लिये तैयार हैं। इस चुनौती का मुकाबला करने के लिये हमारे पास योजना है। तिब्बत के इलाके में 50 विमानों की तैनाती के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये चिंता की बात नहीं है।
Govt took a bold step & bought 36 Rafale aircraft. A high performance, high-tech aircraft has been to the given to the air force to offset the capability of the adversary: Air Chief Marshal BS Dhanoa pic.twitter.com/rDfayyqiAs
— ANI (@ANI) October 3, 2018
भारतीय वायुसेना को कई तरह के विमानों को मिलने में देरी के बारे में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमारे पास तीन विकल्प थे। या तो हम कुछ होने के इंतजार में रहते या लडाकू विमानों का टेंडर (आरएफपी) वापस ले लेते या कोई आपात खरीद करते। हमने आपात खरीद का फैसला किया।
वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि हिंदुस्तान ऐरोनाटिक्स लि. को जो ठेके दिये गए थे वे भी देर से ही मिल रहे हैं। सुखोई-30 को सौंपने में तीन साल, जगुआर को सौंपने में छह साल, एलसीए तेजस को सौंपने में पांच साल और उन्न्त बनाए गए मिराज- 2000 को सौंपने में दो साल की देरी चल रही है।
वायुसेना प्रुमुख ने कहा कि वायुसेना ने एलसीए तेजस पर अपना भरोसा जाहिर किया है एलसीए मार्क -2 के विकास पर काम चल रहा है। वायुसेना ने 239 विमानों के 12 स्क्वाड्रन हासिल करने का फैसला किया है। 110 और लडाकू विमानों को हासिल करने की प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि छह कम्पनियों ने इसके लिये जवाब भेजा है। इसका रिक्व्सेट फार प्रपोजल (आरएफपी) यानी टेंडर जारी करने की औपचारिकता पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस सौदे में भाग लेने वाले विमानों के अधिकतम परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके है। केवल नए प्रस्ताव के तहत कुछ बातों पर ध्यान दिया जाएगा।
