नई दिल्ली। 13 दिसंबर, 2001 का यह दिन हम कैसे भूल सकते हैं जब आतंकियों ने हमारे लोकतंत्र के मंदिर पर हमला किया था। पांच बंदूकधारियों ने संसद परिसर पर हमला करके वहां अंधाधुध फायरिंग की थी। आज के इस काले दिन को याद करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनलोगों की बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान को याद किया जिन्होंने संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई थी।
शहीदों को याद करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि देश उन बहादुर शहीदों को तहे-दिल से याद करता है जिन्होंने साल 2001 में आज के दिन संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। संसद की सुरक्षा में लगे जवान और अधिकारियों के महान बलिदान को याद करते हुए हम आतंकी ताकतों को हराने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi, Home Minister Amit Shah and Defence Minister Rajnath Singh pay tributes to those who lost their lives in 2001 Parliament attack. pic.twitter.com/tjeXAjOClO
— ANI (@ANI) December 13, 2020
प्रधानमंत्री ने टवीट कर कहा कि हम 2001 में आज के दिन अपनी संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे। हम उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी। भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा।
We will never forget the cowardly attack on our Parliament on this day in 2001. We recall the valour and sacrifice of those who lost their lives protecting our Parliament. India will always be thankful to them.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2020
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांबाज वीर सपूतों को याद करते हुए कहा कि 2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतपूर्ण आतंकवादी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते शहीद हुए, मां भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। कृतज्ञ राष्ट्र आपके सर्वोच्च बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।
गौरतलब है कि इस हमले के दौरान दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिलाकर्मी, संसद परिसर में तैनात एक वॉच एंड वार्ड कर्मचारी और एक माली शहीद हो गए थे। वहीं सुरक्षाबलों की कार्रवाई में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 05 आतंकी मारे गए थे।
