श्रीनगर। भारतीय सेना पर LoC के नजदीक पाकिस्तानी बैट द्वारा हमला किये जाने वाले आतंकी संगठनों को आउटसोर्स करने के बाद अब पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों को स्नाइपर शूटरों के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।खबरों की मानें तो पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी कश्मीर में केरन सेक्टर से जम्मू में पलांवाला तक नियंत्रण रेखा पर 150 से ज्यादा आतंकियों को स्नाइपर शूटिंग के लिए तैनात किया है। भारतीय जवानों को निशाना बनाने में कामयाब रहने वाले स्नाइपर को 50 हजार से एक लाख रुपये तक इनाम दिया जाता है।
दरअसल, पिछले एक साल के दौरान सीमा पर तैनात जवानों के लिए स्नाइपर मुश्किल बन रहे हैं। पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पिछले एक साल के दौरान करीब 32 भारतीय सैन्यकर्मी पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए हैं। इनमें लगभग डेढ़ दर्जन जवानों को पाकिस्तानी चौकियों में बैठे पाकिस्तानी स्नाइपर शूटर्स ने ही निशाना बनाया है। केन्द्रीय ख़ुफ़िया एजेंसियों द्वारा जुटाई गई जानकारियों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने अल-बदर, जैश और लश्कर से जुड़े आतंकियों को ही मुख्य रूप से स्नाइपर शूटर के तौर पर भर्ती किया है। हिजबुल, जमायतुल मुजाहिदीन, हरकत और तहरीक उल मुजाहिदीन के भी लगभग दो दर्जन आतंकियों को स्नाइपर शूटिंग की ट्रेनिंग दी गई है।
आतंकियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग पाक सेना के इंस्ट्रक्टर दे रहे हैं
जानकारी के मुताबिक गुलाम कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में पाकिस्तानी सेना के इंस्ट्रक्टर आतंकियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। ताकि उन्हें स्नाइपर शूटर बनाया जा सके। हालांकि इनमें से कुछ को ही स्नाइपर शूटर की ट्रेनिंग के लिए चुना जाता है और उन्हें जिहादी कैंप से सीधा आर्मी ट्रेनिंग सेंटर भेजा जाता है। ट्रेनिंग के बाद कुछ ही ‘जिहादी स्नाइपर’ शूटर बनकर बाहर आते हैं।
एक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि इन स्नाइपर के लिए पाकिस्तान सेना टारगेट तय करती है और आतंकी संगठन के सरगना से ट्रेंड किये गए स्नाइपर की मांग करती है। प्रक्रिया पूरी होने पर किराए के स्नाइपर सीमा की अग्रिम चौकियों पर दो से चार दिन के लिए तैनात किये जाते हैं। स्नाइपर शूटर बने आतंकी अगर भारतीय जवानों को मारने में कामयाब होते हैं तो उन्हें रैंक और संख्या के हिसाब से नकद इनाम दिया जाता है। इसके लिए उन्हें 50 हजार से एक लाख तक की राशि दी जाती है। स्नाइपर की गोली से भारतीय जवान अगर घायल हुए हों तो यह राशि पांच से दस हजार तक रहती है।
इन हथियारों का करते हैं इस्तेमाल
जिहादी स्नाइपर्स को शूटिंग के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा अत्याधुनिक राइफलें प्रदान की जाती हैं। इंग्लैंड में निर्मित 50/12.7 एमएम कैलिबर की स्नाइपर राइफल की मारक क्षमता लगभग दो किलोमीटर है और यह काफी हल्की है। इसके अलावा वह ऑस्ट्रिया में बनी स्टेयर एसएसजी .22 राइफल भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, भारतीय सेना के स्नाइपर रूस में 1960 में बनी द्रगनोव राइफल ही मुख्य तौर पर इस्तेमाल करते हैं। यह अपेक्षाकृत काफी भारी और 800 मीटर तक ही सटीक मार करने में समर्थ है।
