नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के युद्धपोतों ने रूसी नौसेना के साथ 04 दिसम्बर से दो दिनों का पैसैज अभ्यास शुरू किया। पूर्वी हिंद महासागर के इलाके में यह अभ्यास 05 दिसम्बर तक चलेगा। इस अभ्यास में रूस की ओर से गाइडेड मिसाइल क्रुजर पोत वरयाग, पनडुब्बी नाशक पोत पैंटेलेयेव और सागरीय तेलवाहक जहाज पचेंगा भाग ले रहे हैं जबकि भारतीय नौसेना ने स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट शिवालिक, पनडुब्बी नाशक फ्रिगेट कदमत के अलावा इन पर तैनात हेलीकाप्टरों को शामिल किया है।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने यहां इस अभ्यास के बारे में बताया कि इस पैसेज अभ्यास का उद्देश्य आपसी तालमेल विकसित करना, एक दूसरे की श्रेष्ठ प्रथाओं और प्रक्रियाओं को बेहतर समझना और इसे अपनाना है। इस अभ्यास के दौरान अडवांस्ड सतही और पनडुब्बी नाशक गतिविधियां की जाएंगी, शस्त्रों का संचालन होगा, सीमैनशिप अभ्यास होंगे और हेलीकाप्टरों के ऑपरेशन होंगे।
#NavyDay2020#BridgesofFriendship#IndianNavy ships Shivalik & Kadmatt carrying out Passage Exercise (PASSEX) with Russian Federation Navy (RuFN) ships Varyag, Admiral Panteleyev & Pechenga in the Eastern #IndianOceanRegion (IOR).#PASSEX from 04 – 05 Dec 2020.#Interoperability pic.twitter.com/lmA2uTa0Fa
— SpokespersonNavy (@indiannavy) December 4, 2020
प्रवक्ता ने बताया कि दोस्त नौसेनाओं के साथ अक्सर पैसेज अभ्यास किये जाते हैं। ये अभ्यास एक दूसरे के बंदरगाहों के दौरों के दौरान होते हैं या बीच सागर में मुलाकातों के दौरान होते हैं। पूर्वी हिंद महासागर के इलाके में चल रहे इन अभ्यासों से भारत और रूस के बीच दीर्घकालीन सामरिक साझेदारी की गहराई का पता चलता है। दोनों देशों के बीच समुद्री इलाके में रक्षा सहयोग के स्तर का भी इन अभ्यासों से पता चलता है।
प्रवक्ता ने कहा कि पैसेज अभ्यास भारत और रूस के बीच आपसी रक्षा सहयोग को मजबूती देने की दिशा में एक और कदम है। दोनों नौसेनाओं ने हर दो साल पर किये जाने वाले इन्द्र साझा अभ्यास आदि के जरिये ठोस रक्षा साझेदारी के रिश्ते विकसित किये हैं।
