नई दिल्ली। मालदीव के तटरक्षक पोत सीजीएस हुरावी की भारतीय नौसेना ने रिफिटिंग और मरम्मत करने के बाद मालदीव के तट रक्षक बल को सौंप दिया है। भारतीय नौसेना के एडमिरल सुप्रिटेंडेंट रियर एडमिरल श्रीकुमार नायर ने पोत के मालदीव के कमांडिंग अधिकारी मेजर हुसैन रशीद को विशाखापतनम में सौंपा। इस मौके पर मालदीव के रक्षा सलाहकार कर्नल अहमद थोहिर मौजूद थे।
मालदीव के रक्षा अधिकारी ने कहा कि मालदीव सरकार भारत के इस सहयोग से काफी संतुष्ट है। इस मौके पर उन्होंने मालदीव के रक्षा मंत्री का संदेश पढा जिसमें उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बीच भारतीय नौसैनिकों द्वारा मालदीव के पोत की रिफिटिंग और मरम्मत के लिये भारत सरकार और नौसेना के अलावा पूर्वी नौसैनिक कमांड को धन्यवाद दिया।
हुरावी पोत 22 फरबरी को रिफिटिंग और मरम्मत के लिये विशाखापतनम पहुंचा था। लेकिन 20 मार्च के बाद से कोविड का प्रकोप फैलने के बावजूद नौसैनिक गोदी के अधिकारियों ने सुनियोजित तरीके से पोत की रिफिटिंग और मरम्मत की। इसके तहत मुख्य प्रोपल्सन और सहायक संयंत्रों को बदला गया। पोत पर बिजली पैदा करने वाले उपकरणों की मरम्मत के बाद पोत का जीवन काफी बढ़ गया है। इसके अलावा कुछ सिस्टम्स और उपकरणों की पूरी ओवरहालिंग की गई। इससे पोत का बेहतर संचालन हो सकेगा।
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— SpokespersonNavy (@indiannavy) November 27, 2020
मरम्मत के बाद पोत का गहन समुद्र तटीय परीक्षण किया गया। इस तरह पोत हुरावी पूरी तरह आपरेशनल तौर पर तैयार कर दिया गया। मालदीव का तटरक्षक पोत हुरावी मूलतः भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस तिलनछंग था जो भारत में ही बनाया गया है। भारत और मालदीव के बीच साझेदारी को मजबूत करने के लिये साल 2006 में भारत ने यह पोत मालदीव को भेंट दिया था ताकि मालदीव खुद अपने तटीय इलाके की चौकसी कर सके।
पोत को मालदीव को सौंपने के मौके पर विशाखापतनम नौसैनिक गोदी के एडमिरल सुप्रिटेंडेंट रियर एडमिरल श्रीकुमार नायर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पोत की मरम्मत के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि पोत पर काम करने वाले स्टाफ कोरोना संक्रमण से बचा कर रखा गया।
