नई दिल्ली। भारतीय वैमानिकी इंजीनियरों द्वारा विकसित लाइट कम्बैट एयरक्राफ्ट की नौसैनिक किस्म ने विमानवाहक पोत विक्रमादित्य के डेक से उडान भर कर इस पर उतरने में बडी कामयाबी हासिल की है।
एलसीए नेवी के देश में विकसित नमूने ने इसके पहले यह कामयाबी समुद्र तटीय परीक्षण सुविधा पर उड़ान भरने औऱ उतरने का अभ्यास सफलतापूर्वक किया था।
यहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि कमोडोर जयदीप माओलंकार ने यह पहली सफल उडान भरी। विमानवाहक पोत विक्रमादित्य पर यह कामायाबी लैंडिंग सेफ्टी आफीसर कैप्टन दहिया और टेस्ट डायरेक्टर कमांडर विवेक पांडे की देखरेख में हुई।
एलसीए –नेवी का विकास भारतीय रक्षा शोध एवं विकास संगठ ( डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने किया है। डीआरडीओ के चेयरमैन और रक्षा शोध विभाग के सचिव डा. जी सतीश रेड्डी ने वैमानिकी विकास एजेंसी ( एडीए) , भारतीय नौसेना, हिंदुस्तान ऐऱोनाटिक्स , वैज्ञानिक और आद्योगिक शोध परिषद( सीएसआईआर) के वैज्ञानिकों को इस कामयाबी के लिये बधाई दी है।
गौरतलब है कि एलसीए-नेवी का विकास भारतीय वायुसेना के लिये विकसित एलसीए –तेजस के आधार पर किया जा रहा है। एलसीए- नेवी के मौजूदा माडल को नौसेना ने नामंजूर कर दिया था लेकिन अब नौसेना इसके विकास में रुचि ले रही है। नौसेना की कोशिश है कि एलसीए-नेवी के मार्क –दो का नये इंजन के साथ देश में ही विकास हो जिसका नोसेना के विमानवाहक पोतों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
