मुबई: रूस नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल व्लादिमीर कोरोलेव की अगुवाई में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर है। आज उन्होंने भारतीय नौसेना के फ्लैग ऑफीसर कमांडिंग इन चीफ (पश्चिमी कमान) वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा से मुलाकात की। वह भारत में निर्मित आईएनएस मैसूर, नौसेना डॉकयार्ड और मेसर्स मजगांव डॉक एंड शिप बिल्डिर्स लिमिटेड देखने जाएंगे।

एडमिरल व्लादिमीर कोरोलेव और वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा
इससे पहले रूस नौसेना प्रमुख कोरोलेव ने बुधवार को नौसेना प्रमुख सुनील लाम्बा और आर्मी चीफ बिपिन सिंह रावत से भी मुलाकात की। रूसी नौसेना चीफ का दौरा 18 मार्च को समाप्त होगा।

एडमिरल व्लादिमीर कोरोलेव और वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा बातचीत करते हुए
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस दौरे का मकसद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय नौसेना सहयोग को मजबूत करना और नौसेना सहयोग के लिए नए क्षितिज तलाशना है। आपको बता दें कि भारत रूस से रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक है और भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकांश युद्ध सामग्री रूस निर्मित हैं।

एडमिरल व्लादिमीर कोरोलेव, वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा और अन्य अधिकारी बैठक में शामिल हुए
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारतीय और रूसी नौसेना कई मोर्चो पर सहयोग करती है, जिसमें संचालन संबंधी बातचीत, प्रशिक्षण, जल विज्ञान सहयोग, आईटी और कई क्षेत्रों में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान शामिल है। इसके अलावा वे 2003 से द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘इंद्रा नेवी’ का आयोजन कर रहे हैं। अभी तक इसके आठ संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं।
