नई दिल्ली। राष्ट्रपति और भारतीय सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ गोविंद ने भारतीय नौसेना अकादमी (INA) को ध्वज प्रदान किया। यह ध्वज किसी सैन्य यूनिट को मिलने वाला सर्वोच्च सम्मान है। भारतीय नौसेना के 730 कैडेटों की भव्य परेड और 150 लोगों के सलामी गारद के दौरान आईएनए की ओर से अकादमी कैडेट कैप्टन सुशील सिंह ने ध्वज प्राप्त किया। इस अवसर को यादगार बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रपति ने एक विशेष पोस्टर कवर भी जारी किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने नौसेना अकादमी के 50 वर्ष पूरे होने पर आईएनए के वर्तमान एवं भूतपूर्व कर्मचारियों को इस दिवस को गौरवान्वित करने के लिए उनके कठिन परिश्रम और समर्पण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह यह भव्य परेड काफी अच्छी लग रही है। उन्होंने कहा कि इस अकादमी ने अपेक्षाकृत थोड़े समय में काफी ख्याति अर्जित की है। राष्ट्रपति ने इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों की पीढ़ी के लिए यह ध्वज प्रेरणा का प्रतीक बने।
A special postal cover was also released by the Hon’ble President to commemorate the occasion.Besides the INA, Southern, Eastern, Western Commands, the Western & Eastern Fleet and the Submarine Arm of IN have also been awarded previously.@indiannavy @SpokespersonMoD @MIB_India pic.twitter.com/kGrrQ2pqHn
— PRO Defence Kochi (@DefencePROkochi) November 20, 2019
इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी, केरल के बंदरगाह, संग्रहालय, पुरातत्व विभाग एवं अभिलेखागार राज्य मंत्री श्री रामचन्द्रन कदन्नापल्ली, दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमान प्रमुख वाइस एडमिरल ए के चावला, एवीएसएम, एनएम, वीएसएम और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी एवं असैनिक अधिकारी उपस्थित थे। केरल की 32वीं बटालियन के एनसीसी कैडेटों और सैनिक स्कूल, कोडागू तथा पय्यानूर के स्थानीय स्कूलों के बच्चों के साथ-साथ आईएनए के सैन्य कर्मियों और असैन्य कर्मचारियों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज- मगर और सुजाता तथा भारतीय तट रक्षक जहाज- सारथी का एट्टीकुलम खाड़ी में लंगर उठाया गया।
तीनों सशस्त्र बलों में से पहली बार 27 मई, 1951 को नौसेना को यह ध्वज प्रदान किया गया था।
