यहां कैडेट्स की दिलेरी और क्षमताओं का परीक्षण किया जाता है। उन्हें इस प्रकार मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार किया जाता है कि वह युद्धभूमि की चुनौतियों को झेलने में सक्षम हो सकें। इंडियन मिलट्री एकेडमी में आने वाले युवा कैडेट, विविध परिवेशों और वातावरण से आते हैं, सभी की आदतें और जीवनशैली अलग होती हैं। अकादमी का प्रयत्न सभी को एक समान रखना, खाना, खेलना और जीवन व्यतीत करना होता है। ऐसी भावना सेना में सैन्य अधिकारियों की विशिष्ट पहचान बनती है, उनके सामंजस्य से सौहार्द की मिसाल कायम की जाती है और देश की एकता व अखंडता का पैगाम दिया जाता है। ऐसे ही जाबांज अफसर गढ़ती है भारतीय सैन्य अकादमी। आइये जानते हैं इस अकादमी से जुड़ी कुछ खास बातें :
1,400 एकड़ में फैली है अकादमी
यह अकादमी उत्तराखंड में लगभग 8 किमी. पश्चिम में देहरादून में स्थित है। इसका परिसर राष्ट्रीय राजमार्ग 72 पर स्थित है। अकादमी क्षेत्र, 1400 एकड़ (5.7 वर्ग किमी.) है। अकादमी का ध्येय वाक्य ‘वीरता और विवेक’ है।
