नई दिल्ली। सोशल मीडिया के मकड़जाल में फंसकर एक वायुसेना का अधिकारी अपने देश की खुफिया जानकारी दुश्मन को देने के लिए तैयार हो गया। भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के तौर पर तैनात अरुण मारवाह पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को गुप्त जानकारी एवं दस्तावेज लीक किए हैं। जांच अधिकारियों को शक है कि मारवाह ने सेक्स चैट के झांसे में आकर जासूसी की।
आईएसआई एजेंट ने लड़की बनकर मारवाह पर डाले थे डोरे
सूत्रों के अनुसार कुछ महीने पहले आईएसआई के एक एजेंट ने लड़की बनकर अरुण मारवाह से फ्रेंडशिप की। इसके बाद दोनों में फोन पर लगातार चैटिंग होने लगी। दोनों एक दूसरे को अश्लील मैसेज भेजते थे। लड़की बनकर पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद ISI एजेंट ने उनसे कई गोपनीय दस्तावेज की मांग की। ग्रुप कैप्टन मारवाह आरोप है कि उन्होंने कुछ गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया करा दिए।
इस बात की जानकारी मिलते ही एयरफोर्स के आला अधिकारी ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। जांच में मारवाह की जासूसी में संलिप्तता पाए जाने पर एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से इसकी शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए अमूल्य पटनायक ने इसकी जांच स्पेशल सेल के जिम्मे सौंप दी।
Delhi Police Special Cell arrested Group Captain Arun Marwah on charges of providing details of secret Indian Air Force documents to ISI. FIR filed under relevant sections of Officials Secrets Act. pic.twitter.com/rs5b4j5D8d
— ANI (@ANI) February 9, 2018
स्पेशल सेल ने गुरुवार को मामला दर्ज कर अरुण मारवाह को गिरफ्तार कर लिया और फिर पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सहरावत की अदालत में पेश कर उन्हें पांच दिन की रिमांड पर ले लिया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी का मोबाइल जब्त कर लिया है। स्पेशल सेल उनसे पूछताछ कर अहम जानकारियां लेगी जिसमें उन्होंने ISI एजेंट को कौन-कौन से सीक्रेट दस्तावेज उसे मुहैया कराए गए हैं।
भारतीय वायुसेना मुख्यालय में तैनात था अरुण मारवाह
अरुण मारवाह वायुसेना के मुख्यालय में तैनात था। कहा जा रहा है कि वायुसेना के केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच दल ने एक नियमित जासूसी रोधी चौकसी के दौरान पाया है कि ऑफिसर अनधिकृत इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए अवांछित गतिविधियों में शामिल रहते थे।
पहले भी जासूसी में फंस चुके हैं आर्मी के जवान
मालूम हो कि इससे पहले भी भारतीय सेना के कई ऑफिसर और जवान गिरफ्तार हो चुके हैं। वर्ष 2015 में एक एयरमैन को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आईएसआई भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा लेती रही है। हैरान करने की बात यह है कि भारतीय जवान आसानी से पाकिस्तान के हनीट्रैप की षड्यंत्रकारी जाल में फंस जाते हैं।
