नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के दो दिनों के दौरे में शुक्रवार को चीन को कडी चेतावनी देते हुए कहा है कि अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिये दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिये हम तैयार हैं।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री का पिछली बार तीन जुलाई को लद्दाख के दौरे का कार्यक्रम बना था लेकिन तीन जुलाई को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लद्दाख के अग्रिम इलाकों का दौरा किया। रक्षा मंत्री ने लद्दाख के एक अग्रिम इलाके में चीन को साफ संदेश में कहाकि मसले को सुलझाने के लिये बातचीत का दौर चल रहा है। बातचीत के जरिये मामला हल होना चाहिये। हमलोग इसकी गारंटी नहीं दे सकते लेकिन य़ह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि भारत की एक इंच जमीन पर कोई ताकत कब्जा नहीं कर सकता।
My address to the Indian Armed Forces at Lukung in Ladakh today. Do watch pic.twitter.com/evfz6C3Wob
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 17, 2020
सीमाओं की रक्षा के लिये शहीद होने वाले सैनिकों के प्रति उन्होंने कहा कि हम शीष झुकाकर उनका अभिवादन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा की है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम अशांति नहीं चाहते हैं हम शांति चाहते हैं। हमारा चरित्र रहा है कि हम किसी के स्वाभिमान पर चोट नहीं करते लेकिन जब कोई हमारे स्वाभिमान पर चोट करता है तो हम किसी भी कीमत पर उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और दुश्मन को मुंहतोड जवाब देंगे। रक्षा मंत्री ने दुश्मनों को ध्यान दिलाया कि हमारा भारत कमजोर नहीं है। हमारे स्वाभिमान पर कोई चोट नहीं पहुंचा सकता।
15 जून को गलवान घाटी में शहीद भारतीय सैनिकों को याद करते हए रक्षा मंत्री ने कहा कि वह उन जवानों का नमन करना चाहते हैं जिन्होंने भारत के स्वाभिमान की रक्षा की है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय स्वाभिमान हमारी पूंजी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह लद्दाख के करगिल- द्रास के इलाकों का भी दौरा करने वाले हैं जहां की सीमाओं की रक्षा के लिये हमारे जवानों ने प्राणों की आहूति दी है। उन्होंने कहा कि करगिल की जमीन वापस लेने की सालगिरह 26 जुलाई को है जिसके लिये वह अपने जवानों का नमन करते हैं।
गौरलतब है कि गत पांच मई को पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चीनी सेना से टकराव होने के बादसे ही सीमाओं पर तनाव बना हुआ है। इसे सुलझाने के लिये दोनों देशों के सैनिक कमांडरों के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन चीनी सेना द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पीछे हटने को लेकर आनाकानी करने से संशय बना हुआ है।
