नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के बेड़े में तीन और राफेल लडाकू विमान गुरुवार को शामिल हो गए। इसे मिलाकर वायुसेना के बेड़े में अब तक कुल 08 राफेल विमान हो गए हैं। फ्रांस से ऐसे 36 राफेल विमानों की सप्लाई का सौदा चार साल पहले 58 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया गया था।
राफेल विमानों का दूसरा बैच फ्रांस से सीधे भारत उड़ान करते हुए रास्ते में कहीं पड़ाव डाले बिना गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंचा। इन तीनों लडाकू विमानों के भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने से भारतीय वायुसेना की प्रहारक क्षमता में और इजाफा हुआ है। ऐसे वक्त जब भारत औऱ चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाकों में तनाव बढता जा रहा है राफेल विमानों का बेड़ा मजबूत होते जाना काफी अहम है। राफेल विमानों ने लद्दाख के सीमांत इलाकों में अपनी समाघात उड़ान भऱनी शुरू कर दी है।
Another flight in 🇮🇳-🇫🇷 strategic partnership:
Next batch of #Rafale jets landed safely in India after non stop flight from France with multiple mid air refueling.@PMOIndia @narendramodi @JawedAshraf5 @IAF_MCC @PIB_India @DrSJaishankar @harshvshringla @DDNewslive pic.twitter.com/nK3uSvp5oK— India in France (@Indian_Embassy) November 4, 2020
राफेल लडाकू विमानों का पहला बैच गत 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की दासो एरोस्पेश कम्पनी कर रही है। गौरतलब हैकि इसके 23 साल पहले भारतीय वायुसेना में सुखोई -30 एमकेआई लडाकू विमानों का रुस से आयात करने का सौदा हुआ था।
राफेल विमानों में हवा से हवा में मार करने वाली मेटियोर मिसाइल, स्काल्प क्रूज मिसाइल और मीका शस्त्र प्रणाली तैनात की गई है। इसमें अचूक निशाना लगाने वाली हैमर मिसाइलें भी तैनात की गई हैं। राफेल विमानों का पहला स्क्वाड्न अम्बाला और दूसरा स्क्वाड्न पश्चिम बंगाल के हाशीमारा में तैनात होगा।
