नई दिल्ली। हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लि. ( HAL) अपने कारखाने में विकसित और निर्मित दो लडाकू हेलीकाप्टरों को पूर्वी लद्दाख में चीन से लगे सीमांत इलाकों में तैनात कर दिया है। चीन द्वारा पैदा की गई चुनौतियों के मद्देनजर हिंदुस्तान एरोनाटिक्स ने इन दो हेलाकाप्टरों का निर्माण प्रोटोटाइप के तौर पर किया था लेकिन तत्काल समाघात जररुरतों के मद्देनजर हिंदुस्तान एरोनाटिक्स ने इन्हें वायुसेना की समाघात भूमिका में तैनात कर दिया।
HAL के मुताबिक नवीनतम शस्त्र प्रणालियों के तैनात होने की वजह से एलसीएच एक सक्षम शस्त्र मंच साबित हुआ है। यह दिन रात किसी भी वक्त किसी भी लक्ष्य पर हमला कर सकता है। एलसीएच की एक और खासियत इसके दायित्व के इलाके में पूरी स्वतंत्रता के साथ उडान भरने की है। उंचाई वाले इलाकों पर यह समुचित हथियार लेकर उडान भरने की क्षमता से लैस हो चुका है। उंचाई वाले पर्वतीय. इलाकों में यह हेलीकाप्टर विशेष तौर पर विशेष क्षमताओं से लैस हो चुका है।
HAL के मुताबिक भारतीय वायुसेना और थलसेना को करीब 160 लडाकू हेलीकाप्टरों की जरुरत है। रक्षा मंत्रालय की खरीद परिषद ने पहले बैच के 15 हेलीकाप्टरों की सप्लाई को मंजूरी दी है। वायुसेना ने दस और थलसेना ने पांच लाइट कम्बैट हेलीकाप्टर की सप्लाई के लिये आरएफपी जारी किया है। इसकी लागत तय करने के लिये तकनीकी आकलन पूरा कर लिया गया है औऱ आर्डर जल्द जारी किया जाना है। लेकिन वायुसेना की फौरन लडाकू जरुरतों को देखते हुए हैल ने दो प्रोटोटाइप को लडाकू भूमिका में तैनात करने लायक बना दिया है।
