नई दिल्ली। चीन के साथ नजदीकी रक्षा सम्बन्ध विकसित करने वाले बांग्लादेश के साथ भारत ने सामरिक साझेदारी को गहरा करने की पेशकश की है औऱ कहा है कि हाल के सालों में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और साझेदारी काफी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लिये भारत ने पहले ही 50 करोड़ डालर का रक्षा क्षेत्र में लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान किया है जो लागू हो रहा है।
यहां वाणिज्य संगठन फिक्की द्वारा आय़ोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए रक्षा उत्पादन सचिव राजकुमार ने कहा कि दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी क्षेत्रीय ताकत और आर्थिक सहयोग का स्तम्भ बन सकती है। इंडिया एंड बांग्लादेश- मेक फार द वर्ल्ड विषय पर बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग और भारतीय रक्षा मंत्रालय के साथ आयोजित इस बैठक को बांग्लादेश के जहाजरानी मंत्री खालिद महमूद चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश दक्षिण एशिया में तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था है और इसका जहाजरानी उद्योग में समृद्ध इतिहास है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से बांग्लादेश ने 20 हजार से अधिक इनलैंड और तटीय पोत बनाए हैं।
Security and growth is central to what we are trying to do: HE Mr @VDoraiswami, High Commissioner of India, Dhaka at India – Bangladesh Defence Cooperation Webinar organized by @ficci_india. pic.twitter.com/BYN6nFkn0n
— FICCI (@ficci_india) November 19, 2020
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राजकुमार ने कहा कि भारतीय शिपयार्ड बांग्लादेश के शिपयार्डों से काफी नजदीक हैं जिसका लाभ दोनों देश उठा सकते हैं। दोनों देश पोतों के निर्माण और देखरेख में दीर्घकालीन सामरिक साझेदारी स्थापित कर सकते हैं। इससे दोनों देशों को लाभ होगा। राजकुमार ने कहा कि भारत का जहाजरानी उद्योग काफी मजबूत है जिसमें विश्व स्तर की सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कम्पनियां सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय शिपयार्ड बांग्लादेश के शिपयार्डों के साथ मिलकर बांग्लादेश की जरुरतों के अनुरुप संयुक्त उद्यम के तहत पोतों का निर्माण कर सकते हैं।
रक्षा क्षेत्र मे अवसरों को रेखांकित करते हुए राजकुमार ने कहा कि बांग्लादेश अपने महत्वाकांक्षी सैनिक आधुनिकीकरण अभियान के लिये सप्लायरों की खोज में है। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग न केवल स्वदेशी जरुरतों को पूरा कर रहा है बल्कि वैश्विक मांग को भी पूरा करने की क्षमता रखता है।
