नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाकों में चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर भारतीय इलाके में घुसने से पैदा सैन्य तनाव के मद्देनजर भारतीय वायुसेना द्वारा त्वरित तैनाती के लिये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सराहना की है।
यहां वायुसेना के कमांडरों के छमाही सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के भीतर बालाकोट में भी आतंकी ठिकानों पर वायुसेना के सर्जिकल स्ट्राइक को याद किया और कहा कि वायुसेना ने हर वक्त अपनी पेशेवर क्षमता का प्रदर्शन किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इनकी वजह से वायुसेना दुश्मनों को कड़ा संदेश देने में कामयाब रही है।
Raksha Mantri addressing the inaugural session of 3-day #AirForceCommanders' Conference in New Delhi, today.@SpokespersonMoD @IAF_MCC @PIB_India @PIB_Guwahati @PIBGangtok @DY365 @NewsLiveGhy @airnews_ghy @ddnews_guwahati pic.twitter.com/W6lASmMNC0
— PRO GUWAHATI, MINISTRY OF DEFENCE, GOVT OF INDIA (@prodefgau) July 22, 2020
तीन दिनों तक चलने वाले इस छमाही सम्मेलन में वायुसेना के कमांडर मौजुदा युद्ध माहौल और सैन्य तैनाती की योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। अगले दशक में खतरों का मुकाबला करने के लिये वायुसेना किस तरह खतरों का मुकाबला करने के लिये अपनी क्षमता बनाएगी , इन मसलो पर भी कमांडर सम्मेलन में चर्चा हो रही है।
अपने सम्बोधन में वायुसेना के प्रमुख एय़र चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना अल्पकालिक और सामरिक खतरों से निबटने के लिये तैयार है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि दुश्मन द्वारा पेश किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिये वायुसेना हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि वायुसेना के सभी कमांड हर वक्त तैनात रहने के लिये तैयार हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने का देश का संकल्प वायुसेना की इस क्षमता पर आधारित है। राजनाथ सिंह कहाकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तैनाती कम करने की कोशिशें जारी हैं लेकिन साथ में उन्होंने वायुसेना से आग्रह किया कि किसी भी स्थिति का मुकाबला करने को तैयार रहें। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना होगा और कहा कि वायुसेना के कमांडर सम्मेलन में जो विचारणीय विषय –अगले दशक में वायुसेना – रखा गया है, वह आने वाले दिनों में स्वदेशीकरण को बढावा देगा।
वायुसेना द्वारा बदलती तकनीक को अंगीकार करने और नई तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, नैनो तकनीक, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्रों में भी अपनी पैठ बढाने की रक्षा मंत्री ने सराहना है। उन्होंने वायुसेना के कमांडरों को भरोसा दिलाया कि सरकार वायुसेना की वित्तीय और अन्य जरुरतों को पूरा करेगी। प्रधान सेनापति का पद और रक्षा मामलों का विभाग बनाने के बाद तीनों सेनाओं में एकीकरण और तालमेल बढ़ने की भी उन्होंने सराहना की।
कोविड-19 महामारी से निबटने में वायुसेना द्वारा दिये गए असीम सहयोग के लिये वायुसेना की सराहना की । उन्होंने कहा कि इसके अलावा वायुसेना ने मानवीय सहायता के विभिन्न अवसरों पर भी अपना योगदान दिया है।
