नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत की मदद करने और नवाचारी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने भारतीय रक्षा विनिर्माताओं की समिति (एसआईडीएम) के सहयोग से उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में स्टार्टअप्स के लिए एक पहुंच वेबिनार का आयोजन किया। 17 से 28 दिसंबर तक इस वेबिनार प्रारूप में 89 स्टार्टअप्स ने वर्चुअल प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय सेना को अपने स्वदेशी रूप से विकसित नवाचारों, विचारों और प्रस्तावों से अवगत कराया।
इन प्रस्तावों में ड्रोन, काउंटर ड्रोन, रोबोटिक्स, ऑटोनॉमस सिस्टम्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, 3 डी प्रिंटिंग, नैनोटेक्नोलॉजी और मेडिकल एप्लिकेशन के क्षेत्र में ध्यान केंद्रित किया गया है।
#IndianArmy conducted 'Startup Search #Webinars' on #Drone & Counter Drone Technology, #Robotics & Autonomous Systems, AI, #QuantumComputing, IoT, Blockchain & #NanoTechnology for reaching out to indigenous startups and identifying niche equipment and technology in the domain. pic.twitter.com/gxyOjPrHhg
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 29, 2020
आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो (एडीबी) द्वारा आयोजित इस वेबिनार में व्यापक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। 13 प्रस्तावों को भारतीय सेना के लिए उनकी व्यवहार्यता और उपयुक्तता के आधार पर आगे के परीक्षण के लिए छांटा गया है। सेना मुख्यालय और सेना प्रशिक्षण कमान के संभावित उपयोगकर्ता और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस आयोजन में भाग लिया।
इस अवसर पर भारतीय सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसएस हसबनीस ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया और उन्होंने रक्षा उद्योग, विशेष रूप से स्टार्टअप्स का, उभरती और उच्च प्रौद्योगिकियों में निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने स्टार्टअप्स को यह भी आश्वासन दिया कि भारतीय सेना सह-विकासशील नवाचारों और प्रौद्योगिकियों में उनकी सहायता और मदद करेगी, जो सेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ा सकती है।
