नई दिल्ली/बीजिंग। डोकलाम के मसले पर लगातार युद्ध की धमकी दे रहा चीन क्या सचमुच इसकी तैयारी भी कर रहा है? मंगलवार को चीनी सेना के फैसले की जो खबर आई है, उससे तो यही प्रतीत होता है। दरअसल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अपनी वर्षगांठ के मौके पर सैन्य परेड की बजाए सैन्य अभ्यास करने का फैसला लिया है। सैन्य अभ्यास पीएलए की 90वीं वर्षगांठ के मौके पर अगले सप्ताह होगा। वैसे वर्षगांठ के मौके पर चीनी सेना की सैन्य परेड की ही परंपरा रही है।
हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने खबर दी है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक अगस्त को चीनी सेना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर सैन्य परेड की बजाए सैन्य अभ्यास आयोजित करने का आदेश दिया है। शी जिनपिंग भी बतौर मुख्य अतिथि इस अभ्यास में शरीक होंगे। इसे एशिया के सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास कहा जा रहा है।
चीनी लड़ाकू विमान J-20 भी इस अभ्यास में शामिल हो सकता है
सैन्य परेड का आयोजन बीजिंग के थ्येन आन मन सक्वायर पर होता रहा है, लेकिन सैन्य अभ्यास बिल्क झूरिहे में होगा। बताया जा रहा है कि चीन के लड़ाकू विमान J-20 का एक स्क्वार्डन भी इस अभ्यास में शामिल हो सकता है। जे-20 इसी वर्ष पीएलए की वायुसेना में शामिल किया गया है।
विश्लेषक चीन के इस कदम को युद्ध की धमकी के संदेश के रूप में देख रहे हैं। चीन इससे पहले तिब्बत में सीमा के पास भारी गोला-बारूद जमा कर चुका है।
