नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। भारत ने इसके साथ ही द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करने के लिए एक बार फिर चीन की कड़ी आलोचना की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा- पिछले छह महीनों से हमने जो स्थिति देखी है। वह चीनी पक्ष के कार्यों का परिणाम है जिसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) के साथ स्थिति में एक तरफा परिवर्तन को प्रभावित करने की मांग की है। यह कार्रवाई भारत-चीन क्षेत्रों में LaC के साथ शांति सुनिश्चित करने पर द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
Situation that we have seen since last 6 months has been a result of the actions of Chinese side which has sought to effect a unilateral change in status along Line of Actual Control (LAC) in Eastern Ladakh: MEA Spokesperson pic.twitter.com/dJecPPOL8E
— ANI (@ANI) December 11, 2020
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य मसले जैसा कि मैंने पिछले हफ्ते उल्लेख किया है कि दोनों पक्षों को पूरी तरह से विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है जिसमें 1993 और 1996 में सीमा क्षेत्रों में एलएसी के साथ शांति और सब्र बनाए रखने समझौता शामिल है। इसके लिए यह आवश्यक है कि सैनिकों का एकत्रीकरण नहीं होना चाहिए, हर पक्ष को एलएसी का कड़ाई से पालन करना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए और इसे बदलने के लिए कोई एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमने चीनी पक्ष के इस बयान पर ध्यान दिया है कि वह दोनों पक्षों के बीच किए गए समझौतों का कड़ाई से पालन करता है। सीमा क्षेत्रों में बातचीत और शांति और शांति की रक्षा के माध्यम से सीमा के मसले को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम आशा करते हैं कि चीनी पक्ष कार्रवाई के साथ अपने शब्दों का मिलान करेगा।
गौरतलब है कि चीन के एक सीनियर अधिकारी ने गुरुवार को कहा था कि बीजिंग और नई दिल्ली के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए साक्षा प्रयासों की आवश्यकता है और देश सीमा गतिरोध दूर करने के लिए कटिबद्ध है पर वह अपनी क्षेत्री संप्रभुता की हिफाजत करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
