नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जवानों से मुलाकात करने जल्द ही लेह-लद्दाख का एकदिवसीय दौरा करने पहुंचेंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद ये राष्ट्रपति का राजधानी दिल्ली के बाहर ये पहला दौरा होगा।
सेना के रेजिमेंट कार्यक्रम में भी होंगे शामिल
राष्ट्रपति अपने पहले ही दौरे पर देश के सैनिकों के बीच होंगें। बता दें कि राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भी हैं, वे सोमवार को जवानों से मुलाक़ात करने लद्दाख पहुंचेंगे। कोविंद यहां सेना के इन्फेन्ट्री रेजिमेंट लद्दाख स्काउट के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस रेजिमेंट के कुल 5 में से हर बटालियन में 900 सैनिक हैं।
जवानों का उत्साह बढ़ने वाला होगा ये दौरा
सूत्रों के मुताबिक कोविंद के इस दौरे को जवानों के उत्साह से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि लगभग 7 साल बाद कोई राष्ट्रपति लेह-लद्दाख का दौरा करेगा। इससे पहले 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने लद्दाख का दौरा किया था। पिछले 2 महीने से भारत और चीन के बीच डोकलाम के मुद्दे पर तनाव कायम है। हाल ही में पेंगोंग झील के पास भारत और चीन के सैनिकों के बीच पथराव की भी खबर सामने आई थी।
आर्मी चीफ भी लद्दाख के 3 दिवसीय दौरे पर
इसी के साथ साथ आर्मी चीफ बिपिन रावत भी लेह लद्दाख के दौरे पर जाएंगे, लेकिन उनका दौरा राष्ट्रपति से पहले ही हो पूरा हो जाएगा। रावत 3 दिनों के लिए लद्दाख जा रहे हैं। जहां वह सेना के प्रमुख कमांडरों से मुलाकात करेंगे और सीमा को सुरक्षित रखने पर की रणनीति पर काम कर सकते हैं।
