रुद्रपुर। मिसाइलों के जखीरा को असुरिक्षत तौर पर कहीं छोड़ दिया जाए तो ज्यादा तापमान पाकर ये मिसाइलें खुद भी ब्लास्ट कर सकती हैं।और ब्लास्ट के बाद कितना नुकसान होगा वो अलग। लेकिन हम बात कर रहे हैं जसपुर के पतरापुर में एक ऐसी ही जगह की, जहां 14 साल से जमीन में 555 मिसाइलें दफन हैं। साल 2004 में इन मिसाइलों को ‘एसजी स्टील फैक्ट्री’ के स्क्रैप से बरामद किया गया था। इनके जिंदा होने पर चौकी पतरापुर के पीछे निर्जन स्थान पर इन्हें दफन कर दिया गया था।
इन मिसाइलों को तभी से नष्ट करने की कोशिशे हो रही थी, लेकिन कम बजट बीच में आड़े आती रही। अब एसएसपी डॉ. सदानंद दाते की पहल के बाद इन मिसाइलों को नष्ट करने के लिए बजट मिल गया है। सामान भी आ गया है, जिसे 31वीं वाहिनी PAC के आयुध भंडार में रखा जाएगा। NSG की टीम को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है, जो जल्द यहां आकर इन्हें नष्ट करेगी।
काशीपुर की मैसर्स डीएसएम शुगर मिल परिसर में स्थित एसजी स्टील फैक्ट्री से 555 मिसाइलें बरामद की गई थीं। इन्हें स्क्रैप में यहां लाया गया था। मामला तब सामने आया, जब 21 दिसंबर 2004 को फैक्ट्री में इन मिसाइलों को गलाया जा रहा था। मिसाइल फटने से एक मजदूर की जान चली गई थी। जिस घर में यह मिसाइल गिरी, उसकी दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। नेशनल सिक्योरिटी ऑपरेशन एंड ट्रेनिंग, नई दिल्ली और पुलिस स्पेशल ब्रांच नानापुर, महाराष्ट्र की टीम ने इन मिसाइलों को पतरापुर में दफन कराकर उन्हें शीघ्र नष्ट करने की सलाह दी थी।
SSP डॉ. सदानंद दाते (ऊधमसिंह नगर) के सघन प्रयास की बदौलत अब इन मिसाइलों को नष्ट करने की दिशा में कार्य शुरू हुआ है। इस संबंध में एसएसपी को आईजी मुख्यालय से अनुमति मिल गई है। डॉ. दाते का कहना है कि 14 साल से मिसाइलें पतरापुर में जमीन में दफन हैं। हमें इन्हें नष्ट करने के लिए बजट मिल गया है और सामान भी मांगा लिया गया है। जल्द ही NSG की टीम इन मिसाइलों को नष्ट करने का काम शुरू कर देगी।
