नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय देश की समुद्री सुरक्षा में एक नया कदम उठा रहा है। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की मदद से एक ऐसा सैटेलाईट तैयार किया जाएगा जिससे 26/11 जैसे हमलों से निपटने में मदद मिलेगी। ISRO द्वारा तैयार इस सैटेलाईट के जरिये देश की समुद्री सीमा में संदिग्ध जहाजों नौकाओं की निगरानी की जा सकेगी।
ख़बरों के मुताबिक समुद्र से सटे हुए इलाकों की सुरक्षा के लिए ISRO मार्च 2018 तक 1,000 ट्रांसपोंडर भी भारतीय सेना को सौंपेगा। इन्हें बीस मीटर से लम्बी नौकाओं के लिए प्रस्तावित किया गया है। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार मुम्बई हमलों की तरह होने वाले हमलों से बचने के लिए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। इन हमलों के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों ने समुद्री तटों की सुरक्षा तेज कर दी थी।
नौकाओं पर की जाएगी कलर कोडिंग
20 मीटर से ज्यादा लम्बी नौकाओं के लिए ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम की मदद ली जा सकेगी। इसके अलावा समुद्र के अन्दर व अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा पर निगरानी के लिए राज्यों की नौकाओं पर कलर कोडिंग की जाएगी। गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्र के रस्ते ही देश में घुसे थे हुए और मुंबई में 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था
