नई दिल्ली। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने एक बार फिर भविष्य के खतरों के मद्देनजर आर्मी की तैयारी के बारे में जानकारी दी है। मंगलवार को भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) के एक कार्यक्रम में बिपिन रावत ने कहा कि अब हमारी नजर ऐसे सिस्टम पर है जिनकी आवश्यकता भविष्य की जंग में होगी।
बिपिन रावत ने कहा कि साइबर, स्पेस, इलेक्ट्रानिक, रोबॉटिक और आर्टिफिशल टेक्नोलॉजी के विकास पर ध्यान देना होगा। डीआरडीओ ने देश के स्तर पर जरूरतों को पूरा करना सुनिश्चित किया है। हमें पूरा यकीन है कि अगली लड़ाई हम स्वदेशी सिस्टम से लड़ेंगे और जीतेंगे।
Army Chief General Bipin Rawat at 41st DRDO Directors Conference: DRDO has made strides in ensuring that requirements of the services are met through home-grown solutions. We are confident that we will fight and win the next war through indigenised weapons systems and equipment. pic.twitter.com/7YQlRUsVUl
— ANI (@ANI) October 15, 2019
डीआरडीओ कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि बेहतर उपकरणों से लैस सेनाओं ने ही मानव जाति के भाग्य का फैसला किया है। ऊंची तकनीक वाली आर्मी ही ऐसा कर सकी हैं। भारत का अपना इतिहास इस मामले में निराशाजनक है। हम इसमें रनर अप रहे हैं, रनर अप के लिए कोई ट्रॉफी नहीं होती।
डोभाल ने आगे कहा कि या तो आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर होते हैं या आप कहीं खड़े नहीं होते। आज के समय में आधुनिक टेक्नोलॉजी और पैसा ही जियोपॉलिटिक्स को प्रभावित करते हैं। जिनकी इन दोनों पर पकड़ है वही प्रतिद्वंद्वियों से जीतेगा। टेक्नोलॉजी ज्यादा अहम होती है।
