नई दिल्ली। 72 वें थलसेना दिवस के मौके पर आयोजित परेड का निरीक्षण करने के बाद थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि भारतीय संविधान से सम्बद्ध जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद-370 को निरस्त किया जाना एक एतिहासिक कदम और इससे हमारे पश्चिमी पड़ोसी द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की रीढ़ तोड़ी जा सकी है।
पाकिस्तान का नाम लिये बिना जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है। परेड ग्राउंड पर आयोजित परेड में जनरल नरवणे ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों का मुकाबला करने के लिये हमारे पास कई विकल्प हैं जिनका इस्तेमाल करने से हम नहीं चूकेंगे। उन्होंने कहा कि हम समान तरीके से जवाब देंगे।
दिल्ली कैंटोनमेंट इलाके में आयोजित इस परेड के बाद जनरल नरवणे ने जवानों को अलंकृत भी किया। इस मौके पर रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं के आला अधिकारियों और कई देशों के रक्षा राजनयिकों के अलावा भारत के पहले प्रधान सेनापति जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया भी मौजूद थे। इन सैन्य नेताओं ने सेना दिवस के मौके पर सुबह वार मेमोरियल पर जा कर शहीद सैनिकों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
सेना दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थलसेना के जवानों और अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि थलसैनिक हमारे देश के गर्व हैं और हमारी आजादी के प्रहरी हैं। आपके असीम त्याग ने हमारी सार्वभौमिकता की रक्षा की है, देश का नाम रोशन किया है और हमारे देश के लोगों को सुरक्षा दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बहादुरी और पेशेवर गुणों के लिये हम थलसेना की सराहना करते हैं। यह अपनी मानवीय भावनाओ के लिये भी आदर का पात्र है। जब भी लोगों को मदद की जरूरत पड़ी है भारतीय थलसेना उठ खड़ी हुई है।
